आरा जेल हाउसफुल, बिक्रमगंज और पटना भेजे जाएंगे नए बंदी
देशव्यापी कोरोना संक्रमण का असर अब जेलों पर भी दिखने लगा है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सतर्कता को लेकर मंडल काराआरा अब पूरी तरह हाउसफुल हो गया है।
आरा। देशव्यापी कोरोना संक्रमण का असर अब जेलों पर भी दिखने लगा है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सतर्कता को लेकर मंडल कारा,आरा अब पूरी तरह हाउसफुल हो गया है। अब भोजपुर जिले में गिरफ्तार आरोपी (नए बंदी) आरा मंडल कारा के बजाए रोहतास के बिक्रमगंज और पटना सिटी के उपकारा में भेजे जाएंगे। इसे लेकर कारा एवं सुधार सेवा के आईजी मिथलेश मिश्रा ने एक आदेश जारी किया है। जिसके आलोक में भोजपुर एसपी सुशील कुमार ने भी सभी थानों को फरमान जारी कर गिरफ्तार पुरुष आरोपियों को रोहतास के बिक्रमगंज उपकारा और महिला आरोपियों को पटना सिटी उपकारा में भेजे जाने का आदेश दिया है। यह निर्णय कोविड -19 के रोकथाम को लेकर लिया गया है। कारा सूत्रों के अनुसार यह आदेश 26 मई से प्रभावी हो जाएगा।
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साढ़े छह सौ क्षमता वाले मंडल कारा में बंद हैं 1147 बंदी
सूबे के मंडल कारा,आरा में बंदियों को रखने की क्षमता करीब साढ़े छह सौ के आसपास है। लेकिन, वर्तमान में करीब 1147 बंदी बंद है।इसमें करीब दो सौ कैदी सजायाफ्ता है । संक्रमण रोकने के लिए पहले से जेल में बंद संसीमित बंदियों से नए बंदियों को अलग रखने का आदेश जारी किया गया है। जिसके चलते पहले ही आरा जेल में अलग से क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। लेकिन, लगातार गिरफ्तारी के चलते जगह कम पड़ गई है।
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अभी क्वारंटाइन में रखे गए हैं 148 बंदी
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर जेल प्रशासन भी लगातार एहतियात बरत रहा है। फिलहल, किसी भी आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद उसे मंडल कारा,आरा में बने क्वारंटाइन वार्ड में रखा जाता है। हालात को देखते हुए अब तक तीन क्वारंटाइन वार्ड और पांच आईसुलेशन वार्ड बनाया जा चुका है।नए बंदियों को 14 दिनों तक पहले क्वारंटाइन वार्ड में रखा जाता है। फिर उन्हें जेल के सामान्य वार्ड में रखा जाता है। जेल अधीक्षक के अनुसार जेल में बने तीन क्वारंटाइन वार्ड में फिलहाल 148 बंदी रखे गए हैं। आईसुलेशन वार्ड में अभी एक भी बंदी नहीं है। जेल में कुल पांच आईसुलेशन वार्ड है । अगर एक भी बंदी बीमार हुआ तो परेशानी सभी के लिए खड़ी हो जाएगी। पूरे जेल परिसर में संक्रमण का खतरा हो सकता है। ऐसे में पहले से ही सावधानी बरती जा रही हैं। गिरफ्तारी के बाद जेल लाने से पहले सदर अस्पताल, आरा में आरोपियों की थार्मल स्क्रीनिग कराई जाती है। इसके बाद उन्हें डॉक्टर परामर्श के आधार पर जेल में बने क्वारंटाइन वार्ड में रखा जाता है। ऐसे में अब अधिक नए बंदियों के चलते जगह अभाव की समस्या उत्पन्न हो गई है।
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बाक्स
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कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए नए बंदियों को अन्य कैदियों से अलग रखे जाने का निर्देश वरीय अधिकारियों से प्राप्त हुआ है। इसके लिए विशेषकृत कारा को चिह्नित किया गया है। जिसके आलोक में नए पुरुष बंदियों को रोहतास के बिक्रमगंज उपकारा और नए महिला बंदियों को पटना सिटी उपकारा में रखने का निर्णय लिया गया है। क्वारंटाइन से लेकर आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है। लेकिन, जगह अभाव के चलते नए भवनों की आवश्यकता पड़ती। ऐसे में तत्काल विकल्प के तौर पर उपरोक्त दोनों उपकारा को चिह्नित किया गया है।
- मो. युसुफ रिजवान, कारा अधीक्षक, आरा