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जलवायु परिवर्तन के अनुरूप पर्यावरण संरक्षण जरूरी

जल जीवन हरियाली दिवस का आयोजन विद्या भवन सभागार में मंगलवार को संपन्न इस कार्यक्रम में सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थिति थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 11:53 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 06:13 AM (IST)
जलवायु परिवर्तन के अनुरूप  पर्यावरण संरक्षण जरूरी
जलवायु परिवर्तन के अनुरूप पर्यावरण संरक्षण जरूरी

आरा। जल जीवन हरियाली दिवस का आयोजन विद्या भवन सभागार में मंगलवार को संपन्न इस कार्यक्रम में सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थिति थे। कार्यक्रम का उदघाटन अपर समाहर्ता कुमार मंगलम और प्रभारी डीडीसी माधव कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर समाहर्ता ने कहा कि जलवायु के बदलते स्वरूप के अनुरूप पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है तथा सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन देकर एवं ऊर्जा की बचत कर पारिस्थितिकी संतुलन कायम किया जा सकता है। कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को जल जीवन हरियाली के सभी अवयवों के संबंध में जानकारी दी गई तथा परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा के दौरान प्रतिभागियों के माध्यम से जल जीवन हरियाली के विषय पर निम्न बातें स्पष्ट हुई तथा सभी प्रतिभागियों ने सरकार द्वारा जल जीवन हरियाली अभियान को जीव जंतुओं के अस्तित्व के लिए प्रभावशाली एवं उपयोगी बताया।

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बताया गया कि सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं यथा तालाब, पोखर, कुआं, आहर, पईन को चिन्हित कर अतिक्रमणों से मुक्त करना तथा जीर्णोद्धार करना शामिल है। सर्वजनिक कुआं, चापाकल के किनारे, सोख्ता, रिचार्ज वाटर हार्वेस्टिग स्ट्रक्चर का निर्माण करना है। साथ ही छोटी- छोटी नदियों, नालो में एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेक डैम एवं जल संचयन के अन्य संरचनाओं का निर्माण करना है। नए जल स्त्रोतों का सर्जन एवं अधिशेष नदी जल क्षेत्र से जल की कमी वाले क्षेत्रों में जल ले जाना है। पौधशाला का सृजन एवं सघन वृक्षारोपण का कार्यक्रम चलाना एवं वैकल्पिक फसलों टपकन सिचाई जैविक खेती एवं अन्य नई कृषि तकनीकों का प्रयोग करना है। इसके अतिरिक्त सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन देना एवं ऊर्जा की बचत पर बल देकर पर्यावरण संरक्षण एवं पारिस्थितिकी संतुलन की स्थिति को कायम किया जा सकता है। ऊर्जा की बचत के बताया गया कि पारंपरिक बल्बों की जगह एलइडी बल्ब का उपयोग करना, कमरे से बाहर निकलने पर बिजली के उपकरणों को बंद करना, प्राकृतिक प्रकाश का ही उपयोग करना, रेफ्रिजरेटर के तापमान को मध्य में सेट करना, एसी की सेटिग्स 24 डिग्री सेंटीग्रेड पर रखना, मोबाइल, लैपटॉप के चार्जर चार्ज होने पर बंद कर देना, वातानुकूलित कक्ष के दरवाजों और खिड़कियों की दरारें बंद रखना, दिन में कमरे की खिड़कियां एवं दरवाजे खुला रखने तथा बल्ब का प्रयोग न्यूनतम करना आदि सुगम तरीके हैं।


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