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यूरिया खाद की 80 प्रतिशत आपूर्ति, फिर भी संकट

आरा सरकार व विभाग की ओर से सख्ती के बावजूद किसानों को यूरिया खाद को लेकर परेशानी कम नहीं हो रही है। किसान बाजार में यूरिया खाद को अधिक कीमत में ब्लैक बेचे जाने की शिकायत कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 11:52 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 11:52 PM (IST)
यूरिया खाद की 80 प्रतिशत आपूर्ति, फिर भी संकट
यूरिया खाद की 80 प्रतिशत आपूर्ति, फिर भी संकट

आरा : सरकार व विभाग की ओर से सख्ती के बावजूद किसानों को यूरिया खाद को लेकर परेशानी कम नहीं हो रही है। किसान बाजार में यूरिया खाद को अधिक कीमत में ब्लैक बेचे जाने की शिकायत कर रहे हैं। डीएपी खाद के बाद अब यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। इस परेशानी की वजह गत साल 2020-21 की अपेक्षा इस साल 2021-22 में कम यूरिया खाद की आपूर्ति बतायी गयी। हालांकि विभाग की ओर से जो डाटा उपलब्ध कराया गया है। उसके अनुसार जिले में चालू सप्ताह तक 33,056 टन यूरिया खाद की आपूर्ति हुई हो चुकी है। इधर विस्कोमान के गोदामों में गत सात जनवरी से यूरिया खाद नहीं है। आरा विस्कोमान के प्रबंधक उज्ज्वल कुमार ने बताया कि अगले सप्ताह में यूरिया खाद की रैक आने वाली है। जबकि चालू वर्ष में 40 हजार टन यूरिया खाद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। 30 सितंबर को 978 टन, 12 दिसंबर तक 30336.03 टन, 14 जनवरी को 1475 टन की आपूर्ति हो चुकी है।

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मांग की अपेक्षा आपूर्ति कम

बेमौसम बारिश होने से यूरिया खाद की मांग एकाएक बढ़ गई है। जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार की मानें तो जिले में गत वर्ष की अपेक्षा इस साल अधिक यूरिया व डीएपी खाद की आपूर्ति कम हुई है। बावजूद सभी दुकानों पर यूरिया खाद उपलब्ध है। किसान सभी खुदरा दुकानों से यूरिया खाद खरीद सकते हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में रबी खेती गत तीन सालों में सात फीसद बढ़ी है। जबकि यूरिया व डीएपी खाद की आपूर्ति तीन साल पूर्व में निर्धारित किए गए लक्ष्य वाली है। इससे खाद की किल्लत होना लाजिमी है।


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