बांका में मुद्रा लोन से युवा हो रहे आत्मनिर्भर, 2200 लोगों को बांटे 12 करोड़ रुपये
बांका के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बैंकों ने मुद्रा लोन देने की शुरुआत की है। इससे उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। स्वरोजगार पर बल मिलेगा।
बांका, जेएनएन। सरकार ने छोटे उद्योगों को बढ़ावा और सहारा देने के लिए मुद्रा लोन की शुरुआत की है। इसके तहत जिले में जनवरी 2020 से अगस्त 2020 तक 22 सौ लोगों के बीच 12 करोड़ 37 लाख रुपये का लोन बैंकों द्वारा वितरित किया गया है।
जिला अग्रणी बैंक कार्यालय प्रबंधक गुलशन कुमार ने बताया कि छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मुद्रा लोन की योजना की शुरुआत की है। इसके तहत दस लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। सरकार का उद्येश्य इस योजना के माध्यम से छोटे और मध्यम उद्योग यानी एमएसएमई की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है। उन्होंने बताया कि मुद्रा लोन से पहले लोगों को किसी भी प्रकार का लोन लेने के लिए काफी परेशानी होती थी। बैंकों में सभी औपचारिकताएं पूरी करने के साथ-साथ गारंटी भी देनी पड़ती थी। लेकिन सरकार ने मुद्रा योजना के माध्यम से इन सभी परेशानियों को दूर किया है। उन्होंने बताया कि जिले में विभिन्न बैंको के माध्यम से शिशु, किशोर और तरूण योजना के तहत 22 सौ लोगों को 12 करोड़ 37 लाख रुपये का ऋण पिछले तिमाही यानी जनवरी 2020 से अगस्त 2020 में दिया गया है।
आम तौर पर मुद्रा लोन वेंडर, ट्रेडर, दुकानदार और अन्य कारोबार के लिए दिए जाते हैं। वहीं तीनों तरह के ऋण के लिए अलग-अलग राशि दी जाती है। इसमें शिशु ऋण के लिए 50 हजार रुपये, किशोर ऋण के लिए पांच लाख रुपये और तरूण ऋण के लिए दस लाख रुपये दिए जाते हैं।
मुद्रा लोन में लगने वाले दस्तावेज
मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपार्ट साइज दो फोटो, निवास प्रमाण पत्र के रूप में बिजली का बिल, संपत्ति का रसीद, बैंक पासबुक का तीन महीने का स्टेटमेंट। यदि आप आरिक्षित वर्ग अनुसूचित जाति, जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग में आते हैं तो उसके प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी, करोबार का पहचान पत्र, या सामान की आपूर्ति के लिए कोटेशन सहित अन्य दस्तावेज के साथ बैंक में फर्मा जमा कर सकते है। या फिर ऑनलाइन भी फार्म जमा कर सकते है।
मुद्रा लोन के माध्यम लोग आत्मनिर्भर हो रहे हैं। इसके लिए लाभुक ऑनलाई या बैंकों में ऑफलाईन आवेदन भी कर सिकते हैं। इसमें लाभुकों को आसानी से लोन उपलब्ध कराया जाता है। इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिले इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। - आरएन चौधरी, एलडीएम, बांका