विश्व भूगर्भ जल दिवस : यहां के भूजल का प्रदूषण खतरनाक, नहीं है पीने लायक पानी
World Ground Water Day भागलपुर गंगा के तट पर बसा है। इसके बावजूद भी यहां का जल पीने लायक नहीं है। जो भी तकनीक यहां इस्तेमाल की गई है वह जल को स्वच्छ रखने में सहायक नहीं है।
भागलपुर, जेएनएन। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की रिपोर्ट में भागलपुर का भू-जल का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। लोग पानी पीकर बीमार हो रहे हैं। यहां आर्सेनिक खतरनाक स्तर पर है। एक लीटर पानी में 0.01 एमजी से ज्यादा आर्सेनिक पानी को धीमा जहर बना देता है, जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। यहां आर्सेनिक का स्तर तय मानक से कहीं ज्यादा है। फ्लोराइड और आयरन भी ज्यादा है।
पानी पीकर बीमार पड़ रहे लोग
क्षेत्रीय जल जांच प्रयोगशाला की जांच के अनुसार जगदीशपुर प्रखंड के जगदीशपुर, कोलाखुर्द, देसरी, पुरैनी, सैनो, चांदपुर, कनैरी, भवानीपुर, टहसूर, नाथनगर का शंकरपुर, चौवनिया, बिंदटोली, दिलदारपुर, श्रीरामपुर, रन्नूचक, राघोपुर, शाहपुर, मकनपुर, कजरैली व तमौनी, गोराडीह प्रखंड के बिरनौत, पीथना, डंडाबाजार, उस्तू समेत कई गांवों के लोगों को आज भी आर्सेनिक व फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। आर्सेनिक व फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोगों में विकलांगता, दांतों का पीलापन, चर्म रोग आदि बीमारी की शिकायत रहती है।
नवगछिया व अकबरनगर में खुली प्रयोगशाला
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता रंजीत कुमार के अनुसार पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए नवगछिया और अकबरनगर में प्रयोगशाला खोले गए हैं। यहां लॉकडाउन के पहले हर माह जिले के 120 स्थलों के पानी की जांच की जा रही थी। पानी से संबंधित हर तरह की जानकारी प्रयोगशाला के वैज्ञानिक लोगों को दे रहे थे।
पीनी में हेक्सावेलेट क्रोमियम की मात्रा अधिक
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार झा के अनुसार पानी में हेक्सावेलेट क्रोमियम की मात्रा 0.5 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) होना चाहिए। जबकि पानी में यह एक पीपीएम से अधिक पाया गया है। पानी में हेक्सावेलेट क्रोमियम की मात्रा अधिक होने के कारण गंगा किनारे रहने वाले लोगों में लीवर कैंसर होने की संभावना बढ़ गई है। कई इलाकों में भू-जल में आयरन की मात्रा मानक से अधिक है। प्रति लीटर पानी में एक एमजी से ज्यादा आयरन पाया गया है। फ्लोराइड व नाइट्रेट का स्तर ज्यादा होने से मनुष्य के पीने लायक पानी नहीं है। प्रति लीटर भू-जल में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 एमजी से ज्यादा है, वहीं नाइट्रेट 45 एमजी प्रति लीटर से ज्यादा है।
नदी-तालाब के प्रदूषित होने की वजह से भागलपुर का पानी पीने लायक नहीं रह गया है। कई खतरनाक रसायन पानी में मौजूद हैं, जो लोगों को बीमार बना रहे हैं। - प्रो. एसएन पांडेय, पूर्व विभागाध्यक्ष भूगोल विभाग
अगस्त तक लोगों को शुद्ध पानी मिलने लगेगा। लॉकडाउन की वजह से काम में विलंब हुआ है। अब काम में तेजी लाई जा रही है। जिले के सभी वार्डों में घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाएगा। - रंजीत कुमार, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी