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विश्व एथेलेटिक्स डे : नंगे पांव बाधाओं पर विजय, विषम परिस्थितियों में भी किया बेहतर प्रदर्शन

यहां के एथलीट नंगे पांव गांव की पथरीली मिट्टी पर दौड़-कूदकर एथेलेटिक्स में परचम लहरा रही हैं। किसी के माता-पिता मजदूरी करते हैं तो किसी के माता-पिता ही नहीं हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 07:30 AM (IST)
विश्व एथेलेटिक्स डे :  नंगे पांव बाधाओं पर विजय, विषम परिस्थितियों में भी किया बेहतर प्रदर्शन
विश्व एथेलेटिक्स डे : नंगे पांव बाधाओं पर विजय, विषम परिस्थितियों में भी किया बेहतर प्रदर्शन

भागलपुर [जितेंद्र]। ये अंग प्रदेश की जुझारू एथलीट हैं। नंगे पांव गांव की पथरीली मिट्टी पर दौड़-कूदकर एथेलेटिक्स में परचम लहरा रही हैं। किसी के माता-पिता मजदूरी करते हैं तो किसी के माता-पिता ही नहीं हैं। कोई पत्थर तोडऩे वाले परिवार की बेटी है तो कोई काफी गरीब घर की। एक बात इन सबमें समान है, जीतने का जज्बा। ऐसी विषम परिस्थिति में इन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया।

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पीरपैंती के मीनू सोरेन के माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। पिता मानसिंह सोरेन पत्थर तोड़ते थे। चौथी क्लास तक मीनू को एथेलेटिक्स के बारे में कुछ पता नहीं था। स्कूल में हुए ट्रायल में उसने भाग लेकर बेहतर प्रदर्शन किया। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में उसने भाला फेंकने की प्रतिस्पद्र्धाओं में बेहतर किया। चार साल लगातार खेल सम्मान मिला। 26 जनवरी 2018 को तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विशिष्ट सम्मान भी दिया। अब वह ओलंपिक में जाने की तैयारी कर रही हैं। खेलो इंडिया प्रतियोगिता में इसी वर्ष भाला फेंक प्रतियोगिता के लिए अंजनी का चयन हुआ। लॉकडाउन टूटने के बाद वह पटियाला के राष्ट्रीय कैंप में अभ्यास करने जाएगी। उसने पिछले वर्ष राज्य स्तर पर अंतर विश्वविद्यालय एकलव्य प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया था। कई अन्य उपलब्धियां भी हैं। पिछले वर्ष अंजनी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खेल सम्मान से सम्मानित किया। इधर, नाथनगर के गनौरा बादरपुर की भारती कुमारी ने लंबी कूद (अंडर 14) में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीता। लगातार बेहतर कर रही भारती अब अंजू बॉबी के 6.81 मीटर के रिकॉर्ड को तोडऩा चाह रही है। राजकीय एकलव्य केंद्र में प्रशिक्षण ले रही मुस्कान सिन्हा ने राष्ट्रीय स्तर की 1000 मीटर दौड़ में बेहतर प्रदर्शन किया। मुस्कान को राष्ट्रीय स्तर पर चार मेडल मिल चुके हैं। गरीब परिवार की मुस्कान को इस बार खेल सम्मान मिलेगा। इधर, इशीपुर बाराहाट की पार्वती सोरेन ने दौड़ में दो बार बिहार को राष्ट्रीय स्तर पदक दिलाया है। इनके अभिभावक मजदूरी करते हैं।

खिलाडिय़ों को सिंथेटिक कोर्ट उपलब्ध कराने के अलावा 400 मीटर का ट्रैक उपलब्ध कराया जाएगा। जिले में 500 से अधिक एथलीट हैं। राष्ट्रीय स्तर पर इस वर्ष चार बालकों व चार बालिकाओं ने मेडल प्राप्त किया है। सुविधाविहीन खिलाडिय़ों का यह श्रेष्ठ प्रदर्शन है। - प्रमोद यादव, जिला खेल अधिकारी, भागलपुर


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