लड़कियां बेझिझक करें शिकायत, पहचान रहेगी गुप्त, जानें... महिला कोषांग प्रभारी ने छात्राओं को और क्या दी सलाह
तेजाब जैसी घातक सामग्रियों की बिक्री को लेकर प्रशासन को सख्त होना होगा। इसकी बिक्री पर तो रोक लगनी चाहिए। प्रशासन यह सुनिश्चित करे की लाइसेंसधारी दुकानों में ही तेजाब की बिक्री हो।
भागलपुर [जेएनएन]। लड़कियों या महिलाओं को यदि किसी तरह की परेशानी है और वे इसे किसी से भी शेयर करने से परहेज करती हैं तो महिला कोषांग से संपर्क कर सकती हैं। उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। कोषांग में काउंसिलिंग के जरिये उनकी समस्या और झिझक को खत्म किया जाता है। लड़कियां खुद को मजबूत बनाएं। ये बातें महिला कोषांग की प्रभारी राज श्री ने एसएम कॉलेज में कहीं। मौका था दैनिक जागरण के अभियान 'ना बिके तेजाब, ना झुलसें ख्वाब' के तहत आयोजित संवाद कार्यक्रम का।
तेजाब बिक्री को लेकर सख्ती है जरूरी
कार्यक्रम में कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अर्चना ठाकुर ने कहा कि तेजाब जैसी घातक सामग्रियों की बिक्री को लेकर प्रशासन को सख्त होना होगा। खुलेआम तेजाब की बिक्री पर तो रोक लगनी ही चाहिए। प्रशासन को यह सुनिश्चित कर देना चाहिए की लाइसेंसधारी दुकानों में ही तेजाब की बिक्री हो। इससे उनकी जवाबदेही तय होगी। गलत हाथों में तेजाब ना पड़े, इसके लिए जरूरी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्राएं खुद के अंदर आत्मविश्वास पैदा करें। मनचलों से डरें नहीं, इसकी शिकायत करें।
छात्राओं ने जाना महिला हिंसा के कानूनी पहलू
कार्यक्रम के दौरान महिला कोषांग प्रभारी ने लड़कियों से भरे हॉल में उन्हें कानूनी जानकारियों से भी अवगत कराया। इसके अलावा उन्हें बताया कि यौन उत्पीडऩ, दहेज प्रताडऩा, बाल विवाह, घरेलू ङ्क्षहसा के मामलों में वे किस तरह पुलिस के पास अपनी शिकायत कर सकती हैं। कार्यक्रम का उद्घाटन एसएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अर्चना ठाकुर, डॉ. तब्बसुम परवीन, महिला कोषांग प्रभारी राजश्री और बिंदु ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान डॉ. माला सिन्हा, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डॉ. राजीव कुमार सिंह, डॉ. मिथिलेश कुमार तिवारी, डॉ. लोकेश कुमार, डॉ. रफीकउल हसन, डॉ. संचयिता घोष, डॉ. रश्मि कुमारी, डॉ. रेणु सिन्हा, डॉ. प्रियंका समेत अन्य मौजूद थे।
मोबाइल नम्बर जारी किया
महिला कोषांग प्रभारी राजश्री ने छात्राओं को दो नंबरों की जानकारी दी। इनमें महिला कोषांग, भागलपुर का नंबर 0641-2400069 है। प्रभारी ने बताया कि छात्राएं या महिलाएं उक्त नंबर पर सुबह 10.00 बजे से लेकर शाम को 5.30 बजे तक संपर्क कर सकती हैं। इसके अलावा कार्यालय में आकर भी अपनी समस्याओं को रख सकती हैं। वहीं उन्होंने सातों दिन और 24 घंटे चालू रहने वाले हेल्प लाइन नंबर 181 के बारे भी बताया। प्रभारी ने कहा कि वे इस पर किसी भी समय फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। हेल्प लाइन पर शिकायत करने से उन्हें तात्कालिक सहायता मिलेगी।
कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए
रेणु सिंह ने कहा कि एसिड हमलावरों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। प्रशासन को भी तेजाब जैसे खतरनाक उत्पादों के बिक्री पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। यदि इसकी जरूरत किसी को हो तो इसके लिए लाइसेंसी दुकानदारों की जवाबदेही तय कर देनी चाहिए। कुमारी प्रियंका ने कहा कि लड़कियों और महिलाओं को चाहिए की वे इतनी हिम्मती बनें कि किसी के खिलाफ आवाज उठा सके। तेजाब से हमले की घटना की जितनी भी भत्र्सना की जाए कम है। गैर कानूनी तरीके से बिक रहे तेजाब को लेकर सख्ती जरूरी है। दीपक वर्मा ने कहा कि छात्रा पर एसिड हमले ने एक साथ कई संदेश दिया है। इस तरह की वारदात पर लगाम लगाने के लिए पुलिस व प्रशासन को जरूरी कदम उठाने होंगे। बदमाशों को कड़ी से कड़ी सजा दिलानी होगी। ताकि उनमें भय हो।
समस्याओं का समाधान किया
संवाद कार्यक्रम के दौरान कई शिक्षिकाओं और छात्राओं ने अपनी समस्याएं महिला कोषांग प्रभारी राजश्री के समक्ष रखीं। कोषांग प्रभारी ने उनका समाधान किया। हेल्प लाइन से भी अवगत कराया जहां वे 24 घंटे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
-महिला कोषांग का रोल क्या है? - डॉ. रीता सिन्हा
किसी भी महिला या छात्रा के साथ किसी तरह की हिंसा और प्रताडऩा मामले की शिकायत पर कोषांग काउंसिलिंग के जरिये पीडि़ता को मदद पहुंचाता है।
-किसी भी इमरजेंसी में महिलाओं या छात्राओं को कैसे मदद मिलेगी? - मनीषा, छात्रा
इसके लिए महिला कोषांग के स्थानीय नंबर पर सुबह 10.00 बजे से शाम 5.30 बजे तक संपर्क कर शिकायत की जा सकती है। महिला विकास निगम, पटना के हेल्प लाइन नंबर 181 पर 24 घंटे शिकायत कर तात्कालिक मदद मांगी जा सकती है।
-यदि यौन उत्पीडऩ या प्रताडऩा का केस दर्ज नहीं करना हो तो कैसे समाधान होगा? - आकांक्षा, छात्रा
यदि ऐसे मामलों में लड़कियां केस नहीं करना चाहती हैं तो वे कोषांग से संपर्क कर सकती हैं। उन्हें काउंसिलिंग के जरिये मदद दी जाएगी। समस्या समाधान का प्रयास किया जाएगा।
-क्या कोई दूसरे के बदले शिकायत कर सकता है? नेहा पोद्दार, छात्रा
नहीं, ऐसे मामलों में महिलाओं या छात्राओं की पहचान गुप्त रखी जाती है। शिकायत के समाधान के लिए पीडि़ता को खुद का नाम पूरा पता समेत लिखना होगा। इसके लिए जरूरी है कि वे लिखित रूप से ही शिकायत दें, ताकि उनके पास सुबूत हो।
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