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आधी आबादी का दम : मताधिकार के प्रयोग में यहां पुरुषों को मात देती रही है महिलाएं

आंकड़े बताते हैं कि सहरसा विधानसभा क्षेत्र को छोड़ अन्य विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं का वोट ही माननीय के लिए वरदान साबित हो रहा है। यानि महिलाओं को जिस ओर झुकाव हुआ उनकी जीत पक्की मानी जाती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 06:08 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 06:08 PM (IST)
आधी आबादी का दम : मताधिकार के प्रयोग में यहां पुरुषों को मात देती रही है महिलाएं
महिला मतदाताओं का वोट ही माननीय के लिए वरदान साबित हो रहा है।

सहरसा, जेएनएन। कोसी प्रभावित सहरसा जिला आर्थिक रूप से भले ही पिछड़ा है, परंतु यहां के लोग राजनीतिक रूप ये काफी जागरूक है। खासकर महिला मतदाता विगत एक दशक से मताधिकार के प्रयोग में काफी सक्रिय दिखाई दे रही है। विगत चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि सहरसा विधानसभा क्षेत्र को छोड़ अन्य विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं का वोट ही माननीय के लिए वरदान साबित हो रहा है। यानि महिलाओं को जिस ओर झुकाव हुआ, उनकी जीत पक्की मानी जाती है।

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चुनाव में सर्वाधिक उत्साहित रहती है ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं

हालांकि चुनाव का दायरा जैसे- जैसे कम होता है, वोट का प्रतिशत उस प्रकार बढ़ता जाता है। लोकसभा चुनाव की अपेक्षा विधानसभा चुनाव में और विधानसभा चुनाव की अपेक्षा पंचायत और नगर के चुनाव में वोट का प्रतिशत बढ़ जाता है, परंतु हर चुनावों में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं मताधिकार का प्रयोग करने में सर्वाधिक सक्रिय दिखाई देती है। इस इलाके में चुनाव के दिन महिलाएं सारा काम- काज छोड़कर अहले सुबह से ही मतदान केंद्रों पर कतारबद्ध हो जाती है। कोसी दियारा क्षेत्र में जहां महिलाओं को अपने घर से काफी दूर मतदान केंद्रों पर पैदल पहुंचना पड़ता है। उन जगहों में भी वोट गिराने से पहले महिलाएं घर का काम नहीं करती। जब चिलचिलाती धूप रहती है, तब भी महिलाओं के उत्साह में कमी नहीं रहती है। यही कारण है कि महिलाओं के वोट का प्रतिशत पुरूषों से अधिक हो जाता है।

2015 के विधानसभा चुनाव महिलाओं ने बनाई बढ़त

वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में 75 सहरसा विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर महिलाओं ने मतदान करने में सभी विधानसभा क्षेत्र में अपनी बढ़त बनाई। सहरसा विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर शेष तीनों विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं के वोट में 12 से 14 हजार की बढ़त रही। सिर्फ सहरसा विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाता 2341 मत से पिछड़ गई। 74 सोनवर्षा विधानसभा क्षेत्र में एक 46 हजार 603 पुरूष में 68 हजार 157 ने मतदान किया गया, जबकि एक लाख 36 हजार 365 महिलाओं में 80 हजार 231 ने मताधिकार का प्रयोग किया। 75 सहरसा विधानसभाक्षेत्र में एक लाख 75 हजार 359 पुरूष में 97660 ने ओर एक लाख 59 हजार 266 में से 95319 महिलाओं ने मतदान किया। 76 सिमरीबख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 58 हजार 864 पुरूष में 75 हजार 874 ने मतदान किया, जबकि एक लाख 45 हजार 278 महिला में 88 हजार 910 ने मताधिकार का प्रयोग किया। इसी प्रकार 77 महिषी विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 40 हजार 45 पुरूष में 65 हजार 538 और एक लाख 32 हजार 88 महिला में 79 हजार 425 महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

2019 के लोकसभा चुनाव में आधी आबादी ने दिखाया दम

वर्ष 2019 में संपन्न लोकसभा चुनाव में सोनवर्षा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 54 हजार 376 पुरूष में 80701 तथा एक लाख 45 हजार 780 महिला में 91289 ने मताधिकार का प्रयोग किया। सहरसा विधानसभा क्षेत्र के एक लाख 84 हजार 170 पुरूष में एक लाख 10 हजार 106 तथा एक लाख 69 हजार 309 महिलाओं में एक लाख सात हजार 699 ने मताधिकार का प्रयोग किया। सिमरीबख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र के एक लाख 67 हजार 878 पुरूष में 87571 ने और एक लाख 55 हजार 432 महिलाओं में 96493 ने मत डाले। इसी प्रकार महिषी विधानसभा क्षेत्र के एक लाख 45 हजार 791 पुरूष में 78540 ने तथा एक लाख 39 हजार 164 महिलाओं में 86249 ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर पुरूषों को पीेछे छोड़ दिया।


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