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पत्ती तोड़ कर गुजर-बसर करने वाली महिलाएं बनेंगी 'मालकिन', इस तरह किया जा रहा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन

किशनगंज की चाय तोडऩे वाली महिलाएं अब खुद की कंपनी की मालकिन होंगी। इसके लिए फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन किया जा जा रहा है। इसमें निदेशक मंडल से लेकर शेयरधारक तक की भूमिका में जीविका दीदियां होंगी। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 03:20 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 03:20 PM (IST)
पत्ती तोड़ कर गुजर-बसर करने वाली महिलाएं बनेंगी 'मालकिन', इस तरह किया जा रहा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन
किशनगंज की चाय तोडऩे वाली महिलाएं अब खुद की कंपनी की मालकिन होंगी।

जागरण संवाददाता, किशनगंज। चाय की खेती किसानी और इसके पत्ते तोडऩे की मजदूरी से जुड़ी महिलाएं अब चाय कंपनी की मालकिन बनेंगी। राज्य सरकार द्वारा संचालित चाय फैक्ट्री की चाबी जीविका दीदियों को सौंपी जाएगी। इसके लिए जीविका के माध्यम से फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस कंपनी में निदेशक मंडल से लेकर शेयर धारक तक सभी जीविका दीदियां ही होंगी। कंपनी के निदेशक मंडल में कम से कम पांच और अधिक से अधिक 15 सदस्य होंगी। जिसमें एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, उप सचिव और कोषाध्यक्ष होगा। इसके लिए एक दौर की बैठक हो चुकी है अब दूसरी बैठक में प्रोड्यूसर कंपनी मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया जाएगा।

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दरअसल किशनगंज, पोठिया व ठाकुरगंज प्रखंड की जीविका से जुड़ी दीदियां चाय की खेती और इसके पत्ते तोडऩे के कार्य से जुड़ीं हैं। इन तीनों प्रखंडों की चाय की खेती से जुड़ीं लगभग तीन हजार जीविका दीदियां ही इस कंपनी की सदस्य एवं शेयर धारक होंगी। इन्हीं में से कम से कम पांच महिलाओं को चाय कंपनी की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल किया जाएगा। साथ ही जीविका के माध्यम से प्रोड्यूसर कंपनी मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया जाएगा।

जीविका के लाइवलीहुड फॉर्म मैनेजर दीपक कुमार ने बताया कि अब तक चाय की खेती और पत्ते तोडऩे की मजदूरी से जुड़ीं जीविका दीदियां कंपनी संचालन के केंद्रीय भूमिका में होंगी। चाय की खेती, पत्ते तोडऩे, चायपत्ती तैयार करने, इसकी मार्केङ्क्षटग के साथ-साथ कंपनी संचालन की पूरी जिम्मेदारी जीविका दीदियों के हाथों में होगी। प्रभारी डीपीएम राजेश कुमार ने बताया कि कंपनी बनाने को लेकर जीविका दीदियों की पहली बैठक 17 दिसंबर को पोठिया प्रखंड के किचकिचीपाड़ा गांव स्थित किस्मत कालिदास टी फैक्ट्री प्रांगण में हुई थी। 15 जनवरी के बाद इसकी दूसरी बैठक प्रस्तावित है। इसके बाद कॉर्पोरेट अफेयर मिनिस्ट्री अंतर्गत रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी के पास कंपनी निबंध से संबंधित सारे कागजात भेजे जाएंगे।

किचकिचीपाड़ा अंतर्गत किस्मत कालिदास टी फैक्ट्री के संचालन की जिम्मेदारी भी 2025 में जीविका दीदियों द्वारा संचालित टी कंपनी को ट्रांसफर हो जाएगा। इस टी फैक्ट्री का निर्माण 2003 में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय और टी बोर्ड की मदद से किया गया था। 2015 में इसे 10 वर्ष के लीज पर सिलीगुड़ी की टी कंपनी संचेती को दिया गया। चार रुपये प्रति किलो की दर से संचेती कंपनी इस फैक्ट्री में उत्पादित कुल चायपत्ती पर सरकार को शुल्क देती है। डीपीएम जीविका और डीडीसी किशनगंज के नाम से संयुक्त खाते में यह राशि जमा हो रहा है। अब तक ढ़ाई करोड़ से अधिक राशि जमा हुई है।  


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