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पुष्पा दीदी की पहल से स्वरोजगार का आइना दिखा रहीं महिलाएं

पुष्पा ने गांव की अन्य महिलाओं को स्वालंबी बनाने की ठान ली। गांव की महिलाओं को भी सफलता की कहानी सुनाई और सभी को गो पालन की दिशा में आगे बढ़ाने का काम किया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 05:57 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 05:57 PM (IST)
पुष्पा दीदी की पहल से स्वरोजगार का आइना दिखा रहीं महिलाएं
पुष्पा दीदी की पहल से स्वरोजगार का आइना दिखा रहीं महिलाएं

भागलपुर [अमरेंद्र कुमार तिवारी]। नाथनगर प्रखंड अंतर्गत भतौडिय़ा पंचायत की भतुआचक गांव निवासी पुष्पा देवी अब गांव की पुष्पा दीदी बन गई है। कल तक पति संजय कुमार की मामूली कमाई से किसी तरह भरण पोषण करने वाली पुष्पा देवी ने गो पालन करना शुरू किया। कड़ी मेहनत और लगन का नतीजा है कि आज वह 21 हजार रुपये महीना कमा ले रही है। बच्चों को अच्छे स्कूल में दाखिला करा शिक्षा दिला रही है। अब उनके पति जो ट्रैक्टर चालक थे उन्होंने भी अपना काम छोड़ पत्नी के काम में सहयोग करना शुरू कर दिया। बात यहीं समाप्त नहीं होती है। पुष्पा ने गांव की अन्य महिलाओं को स्वालंबी बनाने की ठान ली। गांव की महिलाओं को भी सफलता की कहानी सुनाई और सभी को गो पालन की दिशा में आगे बढ़ाने का काम किया। नतीजतन, पुष्पा देवी अब गांव में महिलाओं की जुबान पर पुष्पा दीदी हो गई है।

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महिला समूह का किया गठन

सबसे पहले उन्होंने मां शारदे महिला हित समूह का गठन किया। 15 महिलाओं को अपने समूह से जोड़ा। फिर उसने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) के एपीडी प्रभात कुमार सिंह से संपर्क किया। उन्होंने नई राह दिखाई। फिर समूह का निबंधन कराया। सदस्यों ने समूह की जमा पूंजी से ऋण लेकर एक-एक महिलाओं ने गो पालन को स्वरोजगार का आधार बनाया। बहरहाल प्रतिमा, किरण, सीता, उर्मिला, वंदना एवं सरिता के पास दो-दो और आरती , कल्याणी, रेणु एवं मिता के पास तीन-तीन गाय हैं।

सुधा डेयरी से जुड़ दूध बिक्री का किया प्रबंध

गो पालन से जुड़ी महिलाओं को उत्पादित दूध की बिक्री में कोई कठिनाई नहीं हो, इसके लिए पुष्पा सुधा डेयरी से जुड़ी। उसका एलआरपी बनी। फिर घर पर ही दुग्ध क्रय केंद्र खोला। अब समिति से जुड़ी महिलाओं के दूध का क्रय वह खुद कर रही है। दूध की गुणवत्ता के आधार पर प्रतिमाह उसके कीमत का नियमित भुगतान भी दे रही है। आज उनके समूह से जुड़ी हर महिलाएं पांच से 10 हजार रुपये तक प्रति माह कमा रही है।

उपला और जैविक खेती ने भी बढ़ाई आमदनी

गो पालन के बाद अब समूह से जुड़ी महिलाएं गोबर से उपला बनाकर एवं सब्जी और मक्के तक की जैविक खेती भी कर रही हैं। समूह की अध्यक्ष पुष्पा देवी कहती हैं। हमारी ग्र्रुप की महिलाएं अब जैविक खेती कर सब्जियां भी उगा रही है। सब्जी से अच्छी कमाई भी कर रही हैं और परिवार के सदस्यों को भी गुणवत्तापूर्ण सब्जी खिला रही है। फिलहाल, भतुआचक गांव की महिलाएं न सिर्फ समाज को स्वरोजगार का आइना दिखा रही है बल्कि अपनी उद्यमशीलता से संपन्नता की ओर भी बढ़ रही है। हाल में ही पुष्पा दीदी एवं उनके समिति सदस्यों को कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने आत्मा के उद्यान प्रदर्शनी में पुरस्कृत किया था।


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