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महिला फिजियोथेरेपिस्ट ने फंदे से लटक दी जान, जानें... क्यों रहती थी तनाव में

भागलपुर में मुंगेर की एक फिजियोथेरेपिस्ट ने फंदे से लटककर जान दे दी। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थी। मृतका प्रियंका प्रियदर्शनी के शव को पोस्‍टमार्टम कराया गया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 01:38 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 01:38 PM (IST)
महिला फिजियोथेरेपिस्ट ने फंदे से लटक दी जान, जानें... क्यों रहती थी तनाव में
महिला फिजियोथेरेपिस्ट ने फंदे से लटक दी जान, जानें... क्यों रहती थी तनाव में

भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर में मुंगेर की एक फिजियोथेरेपिस्ट ने आत्महत्या कर ली। वह पिछले एक वर्ष से तनाव में थी। नौकरी छूट जाने का भी गम था। बीमार भी रहती थी। इस कारण शायद वह अपनी जिंदगी से हार गई और उन्होंने खुदकशी का सहारा ले लिया।

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भागलपुर के तिलकामांझी के लालबाग कॉलोनी में महिला फिजियोथेरेपिस्ट प्रियंका प्रियदर्शिनी ने खुदकशी कर ली। वो पूर्णिया स्थित मैक्स अस्पताल में कार्यरत थीं। करीब एक वर्ष से सांस की बीमारी के कारण उनकी नौकरी छूट गई थी। इस कारण वे काफी तनाव में रहती थीं। सुबह वे अपने कमरे में फंदे से लटकती मिली। तभी उनके पिता आरके ठाकुर ने इसकी सूचना तिलकामांझी पुलिस को दी। सिटी डीएसपी राजवंश सिंह मामले की जांच के लिए उनके घर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पिता के बयान पर यूडी केस दर्ज किया गया है।

मुंगेर के कोड़ा ग्रामीण बैंक शाखा में हैं कार्यरत हैं उनके पिता 

आरके ठाकुर मुंगेर जिले के कोड़ा स्थित ग्रामीण बैंक शाखा में मैनेजर हैं। वे लोग मूलरूप से मुंगेर जिले के खडग़पुर इलाके के तेघड़ा गांव के रहने वाले हैं। लालबाग कॉलोनी में शैलेश मिश्रा के मकान में किराए पर रहते हैं। उन्होंने बताया कि बेटी अपनी बीमारी को लेकर काफी तनाव में थी। इसके लिए उसका इलाज भी चल रहा था। नौकरी छूटने के बाद घर में ही क्लिनिक की सारी व्यवस्था कर दिया। ताकि कुछ लोगो आएंगे तो उसका मन बहलेगा। बावजूद वह काफी तनाव में रहती थी। रात को सभी ने साथ में खाना खाया था। इसके बाद वह अपने कमरे में सोने के लिए चली गई। सुबह ऐसा देख वे कुछ समझ हीं नहीं पा रहे।

2001 में जमालपुर से हुआ था बेटे का अपहरण

आरके ठाकुर ने बताया कि मेरे उपर पहले भी विपत्ति आई है। उन्होंने कहा कि 2001 में 15 वर्षीय बेटा सोनू कुमार का अपराधियों ने अपहरण कर लिया था। वह नोट्रेडम स्कूल, जमालपुर का छात्र था। लेकिन आज तक उसका कुछ पता नहीं चला। काफी मुश्किल से परिवार सदमे से बाहर निकला था। उन्हें दो बेटियां थी। जिसमें एक की शादी हो गई है। जबकि प्रियंका अविवाहित थी। घर प्रियंका की मां भी रहती है। इस घटना के बाद परिवार सदमे में चला गया है। मां घटना से काफी बदहवास है।


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