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फुटपाथ की कौन कहे, यहां तो सड़कों पर भी कर लिया है कब्जा

भागलपुर। फुटपाथ की कौन कहे यहां तो सड़कें भी नहीं बच पाई है अतिक्रमण से। रेशमी शह

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 02:10 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 02:10 AM (IST)
फुटपाथ की कौन कहे, यहां तो सड़कों पर भी कर लिया है कब्जा
फुटपाथ की कौन कहे, यहां तो सड़कों पर भी कर लिया है कब्जा

भागलपुर। फुटपाथ की कौन कहे, यहां तो सड़कें भी नहीं बच पाई है अतिक्रमण से। रेशमी शहर कदम-कदम पर अतिक्रमण से कराह रहा है। स्टेशन चौक पर तो अतिक्रमणकारियों ने पुलिस शिविर को भी दुकानें लगाकर ढक दिया है। सड़क के दोनों ओर फल मंडी और चाय-पकौड़े की दुकानें लग गई हैं। इससे प्रतिदिन जाम लग रहा है और लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन सबकुछ जानते हुए अनजान बना हुआ है।

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स्टेशन चौक से लेकर डिक्सन मोड़ के बीच मुख्य मार्ग पूरी तरह से अतिक्रमण की जद में है। स्टेशन चौक पुलिस शिविर के पास चौतरफा अतिक्रमण है। इसके कारण ही सड़क 33 फीट की जगह कहीं 20 फीट तो कहीं 15 फीट चौड़ी बच पाई है, जबकि स्टेशन चौक पर ठेला, खोमचा व अस्थाई दुकानों से सड़क की चौड़ाई 15 फीट कम हो गई। स्टेशन चौक पर पुलिस शिविर के आसपास फल, चाट, चाय-नाश्ता अन्य कई अवैध दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं। यह सब पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों की जानकारी में हो रहा है। इन दुकानों पर पुलिस का गश्ती वाहन के पुलिस अधिकारी और कर्मी भी चाय की चुस्की लेने के लिए ठहरते हैं। यहां से थोड़ी दूरी पर ही कोतवाली थाना है। जाम का सामना कर रहे राहगीरों ने कई बार पुलिस और नगर निगम में शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुविधा शुल्क लेकर पुलिस और नगर निगम के अधिकारी खामोश हो जाते हैं।

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लोहिया पुल व डिक्सन चौक पर चलना मुश्किल

सुबह से रात नौ बजे तक चौराहे से लेकर ओवरब्रिज तक जाम लगा रहता है। यहां दो लाख से अधिक लोगों को प्रतिदिन अतिक्रमण के कारण जाम का सामना करना पड़ता है। बांका, गोड्डा, अमरपुर, मुंगेर, नवगछिया, खगड़िया और साहेबगंज के लिए भागलपुर शहर बड़ा व्यापारिक केंद्र है, जिससे इन शहरों से आए लोगों को गुजरने में काफी परेशानी होती है। इसकी पीड़ा हर वह नौकरीपेशा और राहगीर झेलता है जो रोजाना इस मार्ग से होकर गुजरता है। सुबह आफिस के समय लोग प्रतिदिन लोहिया पुल से लेकर चौराहे तक जाम में जूझते हैं।

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निगम ने लगवाया बैरियर, चंद दिनों में हुआ क्षतिग्रस्त

लोहिया पुल से स्टेशन चौक के बीच वन-वे लागू करने के लिए तत्कालीन नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह ने प्रयास किया था। अतिक्रमण के कारण लोहिया पुल के नीचे तकरीबन छह सौ मीटर एनएच-80 का निर्माण पांच वर्ष से नहीं कराया जा सका। दिसंबर 2014 में स्टेशन से लोहिया पुल के नीचे एनएच-80 को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था। अतिक्रमण हटाने के बाद लोहिया पुल के समीप स्टेशन रोड और पटलाबाबू मालगोदाम चौक के पास वन-वे ट्रैफिक के लिए लोहा निर्मित डिवाइडर लगाया गया था, ताकि लोहिया पुल के नीचे बड़े वाहनों का परिचालन शुरू भी किया जा सके, लेकिन प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की कार्रवाई शिथिल पड़ते ही अतिक्रमणकारियों ने सड़क पर कब्जा जमा लिया। लोहे का बैरियर क्षतिग्रस्त होने से बाद यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। इसकी वजह से वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई।

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इन वजहों से लग रहा जाम

दुकानें और काम्प्लेक्स का निर्माण तो हुआ, लेकिन उनमें पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई। इतना ही नहीं फुटपाथ के हिस्से को भी पकड़कर इनका निर्माण कर लिया गया। दूसरी सबसे बड़ी समस्या यह है कि शहर में पार्किंग का अभाव है। ऐसे में शापिंग के लिए आने वाले लोग सड़क पर ही अपने वाहन लगाने को विवश हैं। रही सही कसर ढेले-खोमचे वालों ने पूरी कर दी है। निर्माण के समय नगर निगम सोता रहा। बिना पार्किंग के बनने वाले कांम्पलेक्स और दुकानों पर रोक लगाने वाले विभागों को देखना चाहिए कि बिना पार्किग के कोई भी व्यावसायिक गतिविधि भवनों में न संचालित हो। चौराहों पर ज्यादातर दुकानों का सामान बाहर तक फैला रहता है, लिहाजा वाहन सड़क पर खड़े होते हैं। पुलिस शिविर के निकट ही सड़क पर फल मंडी सजी है। अवैध दुकानों में खरीदारी के चलते लोग सड़क किनारे वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे जाम लग जाता है। स्टेशन चौक और अंबेडकर चौराहे के पास आए दिन लोग घटों जाम में फंसते हैं।


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