Mini gun factory in Bhagalpur: मुंगेर से हथियार कारीगरों को बुलाकर तैयार कराता था हथियार, बदमाशों का लगता था जमावड़ा
चकदरिया गांव कभी इनायतुल्ला अंसारी का महफूज ठिकाना हुआ करता था। अपने ठिकाने में बैठ इनायतुल्ला शहरी और मुफस्सिल क्षेत्र में सक्रिय गुर्गों को ऑपरेट करता था। कोलकाता में उसकी हत्या बाद उसके गिरोह से जुड़े अपराधी अभी भी इलाके में शरण लेते हैं।
भागलपुर, जेएनएन। चकदरिया गांव में पुलिस की दबिश में पकड़ी गई मिनी फैक्ट्री छोटी सफलता मानी जा रही है। चर्चा है कि पुलिस के आने की भनक शातिर संचालक को लग चुकी थी। वहां तैयार हथियार की बड़ी खेप हटा दिया गया था। चकदरिया गांव कभी इनायतुल्ला अंसारी का महफूज ठिकाना हुआ करता था। अपने ठिकाने में बैठ इनायतुल्ला शहरी और मुफस्सिल क्षेत्र में सक्रिय गुर्गों को ऑपरेट करता था। कोलकाता में उसकी हत्या बाद उसके गिरोह से जुड़े अपराधी अभी भी इलाके में शरण लेते हैं।
1980 से ही भागलपुर में पकड़ी जा रही हथियारों की बड़ी खेप
अंग नगरी में हथियारों की आमद की कहानी 80 के दशक में तब जोर पकड़ी थी। जब इनायतुल्ला के बुलावे पर मुंगेर से हथियार बनाने वाले कारीगर चकदरिया गांव बुलाए गए थे। तब भागलपुर में अंसारी और सल्लन गिरोह के बीच गैंगवार चरम पर था। शहरी क्षेत्र में सल्लन भारी था तो मुफस्सिल में अंसारी की तूती बोला करती थी। जब जिसे मौका मिला एक दूसरे गिरोह के लोगों को निशाना बना रहे थे। एक दिन में एक दूसरे गिरोह के चार-पांच शूटर निशाना बना दिये जा रहे थे। पुलिस की नींद हराम थी गैंगवार से। पुलिस की दबिश जब तेज पकड़ी तब भौगौलिक दृष्टि से कई इलाके से जुड़े चकदरिया गांव को अंसारी ने ठिकाना बना लिया था।
शहरी इलाके में भारी पड़ रहे सल्लन गिरोह को शिकस्त देने के लिए मुंगेर के बरधे गांव से कारीगर बुलाया था। चकदरिया गांव में अठरकी, सिक्सर के अलावा बंदूक और राइफल तब तैयार करा गिरोह को मजबूत किया था। सल्लन भी तब हथियारों की आमद से परेशान हो गया था। कहा जाता है कि सल्लन ने नालंदा से पिस्टल और कारबाइन मंगा कर अंसारी गिरोह को शहरी क्षेत्र से फिर खदेड़ गिरोह को मजबूत बना दिया था। बदलूचक, कुरूडीह, डहरपुर, मीरनचक, भयगांव, उस्तू, सन्हौली, गरहोतिया, बदलूचक, राजपुर, फतेहपुर में अंसारी तो शहरी क्षेत्र में सल्लन में हथियारों की आमद बढऩे से टक्कर भी जोरदार होने लगी थी।