मुंगेर में हर दो मिनट पर एक सेंमी बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, कई गांवों में फैला बाढ़ का पानी
मुंगेर में गंगा का जलस्तर हर दो मिनट पर एक सेमी बढ़ रहा है। इससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कई गांव में बाढ़ का पानी भी फैल गया है। तटवर्ती इलाके के लोगोंं में दहशत का माहौल है।
जेएनएन, मुंगेर। जिले में गंगा का जलस्तर हर दिन बढ़ रहा है। अब खतरे के निशान 39.33 मीटर से महज 42 सेंटीमीटर नीचे गंगा बह रही है। जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो 48 घंटे के अंदर खतरे का निशान पार होने की उम्मीद है। गांगा का पानी सदर प्रखंड के मां चंडिका दरबार और गर्भ गुफा में भी घुस गया। इसके अलावा कष्टहरणी घाट मंदिर, लाल दरवाजा, बबुआ घाट व सोंझी घाट की कई सीढय़ां डूब गई। बाढ़ को लेकर प्रखंड के लोग काफी डरे हुए हैं। सदर प्रखंड के तौफिक दियारा, बरियापुर प्रखंड, हवेली खडग़पुर प्रखंड और हेमजापुर पंचायत के कई गांवों में फैल गया है। बरियापुर के नीरपुर पंचायत के निचले इलाके में बसे लालजी टोला गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। चार दर्जन से ज्यादा घर डूब गए हैं । इन घरों में रहने वाले परिवार रेलवे लाइन किनारे पालिथीन तथा फूस की झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हैं। नाव पर अपने आवश्यक सामग्री लादकर रेलवे लाइन किनारे बनाए गए अस्थाई आवास में रख रहे हैं । हवेली खडग़पुर प्रखंड के प्रखंड की चार पंचायत तेलियाडीह, नाकी, बहिरा, अग्रहन में गंगा का पानी पहुंच गया है।
-01 दर्जन से के आसपास गांवों में पहुंचा पानी
-39.33 है खतरे का निशान, 38.91 पहुंचा जलस्तर
-48 घंटे में पानी बढऩे की जताई जा रही संभावना
-57 गोताखोरों को किया गया तैनात
दर्जनों परिवार रेल किनारे पहुंचे
बाढ़ से प्रभावित लालजी टोला में लगभग 125 परिवारों के घर हैं ।वर्तमान में लगभग 50 परिवारों के घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है ।अगर इसी रफ्तार से गंगा का जल स्तर बढ़ता रहा तो एक-दो दिनों के अंदर सभी परिवार बाढ़ से प्रभावित हो जाएंगे ।रास्ते तथा घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के कारण लोग थर्माकोल की नाव बनाकर सूखे स्थान पर आने-जाने का काम कर रहे हैं। लालजी टोला गंगा कटाव से विस्थापित होकर लगभग 30 वर्ष पूर्व उक्त स्थल पर बसा था। हर साल आने वाली बाढ़ में सबसे पहले इन्हीं गांव के लोगों के घरों में पानी प्रवेश करता है।
बाढ़ पीडि़त लोगों का कहना है कि हर साल उन लोगों को बाढ़ आने के बाद विस्थापित होना पड़ता है। हर बार प्रशासन उन लोगों की समस्या को सुन लेता है। लेकिन इन के निदान के लिए कोई कार्य नहीं करती है। हर साल उन लोगों को विस्थापित जीवन जीने को विवश होना पड़ता है। एनएच से पानी बहने पर सरकारी सहायता मिलना शुरू होता है, लेकिन इसके पहले वे लोग अपने संसाधनों पर रहने को विवश हो रहे हैं ।इधर बाढ़ का पानी खेतों तथा घरों में प्रवेश करने के बाद लोगों को काफी कठिनाई हो रही है।
खडग़पुर के कई गांवों में घुसा पानी
संवाद सूत्र हवेली खडग़पुर (मुंगेर) : लगातार गंगा के जल में हो रही बढ़ोतरी से प्रखंड क्षेत्र के चार पंचायतों के लगभग दर्जन भर गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है । जबकि दो पंचायत के आधा दर्जन गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है । यदि इसी तरह गंगा के जल में बढ़ोतरी होती रही तो बहुत जल्द कई गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट सकता है। चार पंचायतों तेलियाडीह, नाकी, बहिरा, अग्रहन आदि पंचायतों के लगभग दर्जनभर गांव प्रत्येक वर्ष गंगा के जल में बढ़ोतरी के कारण बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं । फिलहाल तेलियाडीह पंचायत के कृष्णानगर एवं अग्रहन पंचायत के सठबिग्घी, मंझगांयडीह, लक्ष्मणटोला, मंझगांय आदि गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है । गांव के लोग बाढ़ के पानी से निबटने के लिए ऊंचे स्थान का सहारा लेना शुरू कर दिया है । गंगा के जल में बढ़ोतरी की लेकर इन गांव के लोगों को स्वजनों के साथ साथ मवेशियों की ङ्क्षचता सताने लगी है । कृष्णा नगर, लक्ष्मण टोला और सठबिग्घी आदि गांव के पशुपालकों के समक्ष मवेशियों के चारे की समस्या हो गई हैं । ग्रामीण रामगुलाम ङ्क्षसह, रामनरेश ङ्क्षसह, विनय ठाकुर सहित अन्य ने बताया कि पूर्व के बरसों में अक्टूबर माह में बाढ़ का पानी ग्रामीणों को परेशान किया करता था। प्रशासनिक स्तर पर कोई पहल नहीं की गई है ।