जलकर विवाद होगा खत्म, प्रखंडों में खुलेंगे आउटलेट
सहरसा (कुंदन कुमार) : कोसी क्षेत्र में मछली उत्पादन की व्यापक संभावना को देखते हुए इस इलाके में प्
सहरसा (कुंदन कुमार) : कोसी क्षेत्र में मछली उत्पादन की व्यापक संभावना को देखते हुए इस इलाके में प्रखंड स्तर पर बिक्री के लिए सरकार अब आउटलेट निर्माण करवाएगी। सहरसा व सुपौल जिले में सहकारिता विभाग ने यह पहल की है। इन दोनों जिलों को समेकित सहकारी विकास परियोजना (आईसीडीपी) में शामिल किया गया है। इस योजना के तहत मत्स्यजीवी सहकारी समितियों का पुनर्गठन कर जलकर विवाद को समाप्त करने और मत्स्यपालकों को एक छतरी के नीचे लाने की रणनीति बनाई गई है। अब हर प्रखंड में मात्र एक मत्स्यजीवी सहयोग समिति काम करेगी। इन सभी समितियों को मछली की बिक्री के लिए आउटलेट बनाने के लिए सरकार अनुदानित दर पर ऋण उपलब्ध कराएगी।
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समितियों को अनुदानित दर पर मिलेगा पचास प्रतिशत ऋण
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मछली की खरीद-बिक्री, दुकान का निर्माण करने, वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने लिए लागत मूल्य पर पचास प्रतिशत ऋण दिया जाएगा। इस ऋण पर 25 प्रतिशत अनुदान मिलेगा जबकि शेष 25 प्रतिशत ब्याजरहित कर्ज होगा। समितियों द्वारा वापस की गई इस राशि को जिले के अन्य समितियों के विकास पर ही खर्च किया जाएगा। ताकि सभी समितियों का विकास हो और क्षेत्र का आर्थिक उन्नयन हो सके। इसके लिए विभाग ने सहरसा जिले के नौ प्रखंडों के मत्स्यजीवी सहकारी समिति के लिए प्रखंड स्तर पर आउटलेट खोलेन का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है।
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आईसीडीपी योजना के तहत जिला के चयन होने के कारण विभाग ने सभी मत्स्यजीवी समिति में आउटलेट खोलने का प्रस्ताव भेज दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। अरविन्द कुमार पासवान डीसीओ, सहरसा।