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15 जनवरी तक हो सभी वार्डों में वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंध समिति का होगा गठन, सुपौल में जानिए क्या है स्थिति

पंचायत चुनाव समाप्‍त होते ही अब वार्ड प्रबंध समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 15 जनवरी तक वार्ड कियान्‍वयन और प्रबंध समिति का गठन पूरा हो जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया जल्‍द शुरू हो जाएगी। इसके बाद विकास...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 05:24 PM (IST)Updated: Wed, 15 Dec 2021 05:24 PM (IST)
15 जनवरी तक हो सभी वार्डों में वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंध समिति का होगा गठन, सुपौल में जानिए क्या है स्थिति
पंचायत चुनाव समाप्‍त होते ही अब वार्ड प्रबंध समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

जागरण संवाददाता, सुपौल। पंचायत चुनाव संपन्न हो जाने के बाद विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से 15 जनवरी तक वार्ड सचिव सहित वार्ड क्रियान्वयन व प्रबंध समिति का गठन होना है । इसके लिए पंचायती राज विभाग के निदेशक ने सभी जिला अधिकारी को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। जारी पत्र में निदेशक ने कहा है कि अब जबकि पंचायती राज निकायों का निर्वाचन परिणाम घोषित हो चुके हैं।

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ऐसे में वार्ड सभा वार्ड क्रियान्वयन व प्रबंध समिति का कार्य संचालन नियमावली 2017 में अंतर्निहित प्रावधानों के तहत किया जाना है। ऐसे में वार्ड सचिव सहित वार्ड क्रियान्वयन व प्रबंध समिति का नए सिरे से गठन किया जाना है। डीएम को भेजे पत्र में कहा गया है कि अपने स्तर से संबंधित अधिकारी को निर्देश जारी करें ताकि निर्धारित अवधि में वार्ड सचिव, वार्ड क्रियान्वयन एवं वार्ड प्रबंधन का गठन किया जा सके।

समिति के पास इन कार्यों की देखरेख का है जिम्‍मा 

पंचायती राज विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना ,ग्रामीण गली नाली पक्की करण योजना के क्रियान्वयन को लेकर वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंध समिति का कार्यकाल दो वर्षों का होगा। इसमें सात सदस्य होंगे। दो साल के बाद पुन: नए सदस्यों का चयन किया जाएगा। दिशा निर्देश के अनुसार संबंधित वार्ड के पंच समिति के पदेन सदस्य तथा वार्ड सदस्य पदेन सचिव के अलावा संबंधित वार्ड के चार सदस्यों का चयन वार्ड सभा द्वारा किया जाएगा।

वार्ड में अगर जीविका के ग्राम संगठन या स्वयं सहायता समूह कार्यरत हों तो उसके एक प्रतिनिधि को भी सदस्य के रूप में निर्वाचित किया जाएगा। कम से कम एक सदस्य अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग का होगा। दरअसल, वार्ड क्रियान्वयन समिति और प्रबंध समिति के गठन के बाद विकास कार्यों को रफ्तार दिया जा सकेगा। वार्डों में किया जाने वाला काम इसी समिति की देखरेख में होता है।  


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