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बढ़ी ठंड तो बढ़े वायरल फीवर के मरीज और श्वांस के रोगी, जानिए... क्या बरतें सावधानी Bhagalpur News

जेएलएनएमसीएच के साथ निजी चिकित्सकों के पास ऐसे मरीज बड़ी तादाद में पहुंच रहे हैं। सामान्य दिनों की तुलना में मरीजों की तादाद 25 फीसद बढ़ गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 11:20 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 11:20 AM (IST)
बढ़ी ठंड तो बढ़े वायरल फीवर के मरीज और श्वांस के रोगी, जानिए... क्या बरतें सावधानी Bhagalpur News
बढ़ी ठंड तो बढ़े वायरल फीवर के मरीज और श्वांस के रोगी, जानिए... क्या बरतें सावधानी Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। कड़ाके की ठंड सेहत पर भी असर डाल रही है। थोड़ी भी लापरवाही लोगों को बीमार बना रही है। अस्पतालों में वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम के मरीज की तादाद में इजाफा हुआ है तो दमा व श्वांस के मरीजों की परेशानी बढ़ी है। दमा का अटैक होने से अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ जा रही है। हालांकि हर उम्र के लोगों पर इसका असर देखा जा रहा है। पर इनमें बच्चों व बुजुर्गों की तादाद अधिक है।

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जेएलएनएमसीएच के साथ निजी चिकित्सकों के पास ऐसे मरीज बड़ी तादाद में पहुंच रहे हैं। सामान्य दिनों की तुलना में मरीजों की तादाद 25 फीसद बढ़ गई है। जो पहले से श्वांस के रोगी हैं, उनको परेशानी अधिक देखी जा रही है। वरीय फिजिशियन व श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक कुमार सिंह के अनुसार इन दिनों आने वाले मरीज बुखार, नाक बहने, बार-बार छींक आने, सूखी खांसी, गले में खराश व दर्द, कान में दर्द, सिरदर्द व सुस्ती आदि से परेशान देखे जा रहे हैं। श्वांस नली व फेफड़ों में संक्रमण से पीडि़तों की कतार भी लंबी हैं। उनमें थूक निगलने में परेशानी, आवाज में भारीपन, सांस लेने में परेशानी, सीने में जलन व दर्द देखा जा रहा है। इनमें में दमा के मरीजों भी अधिक हैं। दमा के मरीजों को बदलते मौसम में अधिक खतरा होता है। ऐसे मरीजों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए क्यों कि लापरवाही मुसीबत में डाल सकती है।

बच्चों का रखें खास ख्याल : ठंड का असर बच्चों पर अधिक देखा जा रहा है। चिकित्सक के अनुसार आजकल बच्चों में सीने में संक्रमण, जकडऩ व निमोनिया से पीडि़त बच्चों की तादाद बढ़ी है। इसमें छह माह से दो साल तक के बच्चों की संख्या अधिक है। यदि बच्चों को बुखार, सर्दी-खांसी, सांस लेने में दिक्कत के साथ पसली तेज चल रही हो तो सावधान हो जाना चाहिए क्यों कि लापरवाही निमोनिया की वजह बन सकती है। जिन बच्चों को दमा की शिकायत हो उनको लेकर अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।

लापरवाही से यह हो सकती है परेशानी

बुखार, सूखी खांसी, गले में खराश व दर्द, बार-बार छींक आने, नाक बहना, कान में दर्द, सिरदर्द व सुस्ती, आवाज में भारीपन, सीने में जलन, सांस लेने में दिक्कत, दर्द के साथ खांसी


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