दूसरे जिलों में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए ही गैंगेस्टर की होगी पेशी
भागलपुर के जेलों में सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सिवान, बक्सर, पटना, दानापुर, आरा के सौ से अधिक खूंखार बंदी रखे गए हैं। जिन्हें पेशी के लिए ले जाने में खतरा बना रहता है।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। भागलपुर की शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, विशेष केंद्रीय कारा में बंद दूसरे जिलों के गैंगेस्टर और सफेदपोश अपराधियों को प्रोडक्शन वारंट पर पेशी को ले जाने के बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अब पेशी कराई जाएगी। इसको लेकर सरकार स्तर पर बनी योजना को गृह कारा विभाग पूरी तरह अमल में लाने की तैयारी में है। इसके लिए जहां सूबे के सभी जेलों को वीसी से जुड़े तमाम तकनीकी संसाधनों से लैस किया जा रहा है।
वहीं पूर्व से इस तकनीक से लैस शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, विशेष केंद्रीय कारा में वीसी के जरिए पेशी हो रही है। लेकिन अभी भी संबंधित न्यायालयों से प्रोडक्शन वारंट आने की स्थिति में यहां रखे गए संबंधित जिलों के आरोपितों को पेशी को ले जाया जाता है। इसको लेकर सरकार स्तर पर यह योजना बनी है कि जेलों और न्यायालयों को पूरी तरह तकनीकी संसाधनों से सुसज्जित कर वीसी के जरिए ऐसे आरोपितों की जेलों से पेशी कराई जाए।
यहां की जेलों में दूसरे जिलों के बंदियों की संख्या सौ से अधिक
यहां के शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा और विशेष केंद्रीय कारा में सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सिवान, बक्सर, पटना, दानापुर, आरा समेत अन्य दूर-दराज जिलों के सौ से अधिक खूंखार बंदी रखे गए हैं। जिन्हें प्रशासनिक आदेश पर यहां की जेलों में रखा गया है। जिनको पेशी के लिए उन जिलों में ले जाने में जहां खर्च भी काफी होता है वहीं हमले का भी खतरा बना रहता है। कई बार हमले में बंदी मारे गए हैं। सड़क हादसे में भी कुछ बंदियों की मौत हो चुकी है। यही नहीं कई बंदी दूर-दराज के जिलों में पेशी को ले जाते समय पुलिस अभिरक्षा से भाग भी चुके हैं। यह स्थिति सिर्फ भागलपुर की जेलों में रखे गए बंदियों की नहीं बल्कि कमोवेश अन्य जेलों की भी है जहां दूर-दराज के जिलों के बंदी रखे गए हैं।
हत्या आरोपित राहुल की पेशी वीसी से छत्तीसगढ़ कोर्ट में कराई
शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा प्रशासन ने हाल में यहां बंद कैदी राहुल कुंवर को हत्या के एक मामले में छत्तीसगढ़ कोर्ट में वीसी के जरिए पेशी कराई। लेकिन अभी भी प्रोडक्शन वारंट पर पेशी कराए जाने वाले बंदियों की संख्या ज्यादा है। जिन्हें यहां से सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा, बेनीपट्टी आदि ले जाया जा रहा है।