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भागलपुर ना बाबा ना... जिधर जाओ उधर ही जाम

शहर के व्यस्ततम तिलकामांझी चौक पर जाम के कारण स्थिति काफी बुरी थी। चौक के समीप ही एसएसपी आवास होने के बाद भी वहां की स्थिति काफी बुरी है। उस चौक से ही अस्पताल का रास्ता गुजरता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 09:10 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 03:00 PM (IST)
भागलपुर ना बाबा ना... जिधर जाओ उधर ही जाम
भागलपुर ना बाबा ना... जिधर जाओ उधर ही जाम

भागलपुर [जेएनएन]। शहर को जाम से निजात दिलाने का कोई सामधान प्रशासन को नहीं सूझ रहा है। पिछले चार दिनों से भागलपुर से नवगछिया तक सड़कों पर ट्रक समेत अन्य वाहनों की लंबी कतार लगी रही है। लोग उसमें बुरी तरह जूझते रहे। जाम के कारण कई यात्रियों का भागलपुर और नवगछिया स्टेशन पर नीयत समय से नहीं पहुंचने के कारण ट्रेन छूट गया तो कई लोगों को अपना जरूरी कार्य छोडऩा पड़ा।

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पांच दिनों से लगातार जाम की समस्या बनी हुई है। इसके कारण आवाम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फरक्का ब्रिज पर परिचालन बंद होने से कुर्सेला से विक्रमशिला सेतु पर दबाव काफी बढ़ गया है। इसके जाम की समस्या खड़ी हो रही है। विक्रमशिला सेतु पर घंटों जाम लगने के कारण भागलपुर शहर की यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है।


नवगछिया पुलिस की सुस्त कार्रवाई के कारण सेतु पहुंच पथ से जीरोमाइल तक गाडिय़ों की चार लाइनें लग गई। इसकी वजह से नवगछिया की ओर वाहनों के आगे नहीं बढऩे से सोमवार रात बारह बजे के बाद सेतु पर जाम लग गया। इसका असर भागलपुर शहर की सड़कों पर भी पड़ा। नवगछिया से खिरीबांध के बीच 30 किलोमीटर तक गाडिय़ों की लाइनें लग गई। 12 घंटे की मशक्कत के बाद मंगलवार दोपहर बारह बजे पुलिस ने जाम हटाया। वन-वे ट्रैफिक कर वाहनों का परिचालन किया गया। जाम में फंसने के कारण समय पर स्टेशन नहीं पहुंचने से भीखनपुर के नरेश प्रसाद, मु. असलम, तिलकामांझी के देवनारायण महतो, खंजरपुर निवासी कन्हैया प्रसाद की ट्रेन छूट गई।


इधर, मुंदीचक के विपिन कुमार को नववर्ष पर परिवार से मिलने के लिए नवगछिया जाना था। लेकिन जाम के कारण वे घर नहीं जा सके। परिवार के सदस्यों से मोबाइल पर बात कर संतोष करना पड़ा। दिगंबर सिंह ने बताया कि जाम के कारण खगडिय़ा से भागलपुर आने में पांच घंटे लग गए।
बता दें कि फरक्का ब्रिज का 31 मार्च तक मरम्मत कार्य चलेगा। इस दौरान वहां वाहनों का परिचालन बंद रहेगा। इसका दबाव विक्रमशिला सेतु पर पड़ेगा।

ऐसी स्थिति में लोग प्रशासन को कोसने के अलावा कुछ कर नहीं कर सकते थे। गौरतलब है कि रविवार को जाम के कारण ही नवगछिया के पकरा निवासी मनोज कुमार की मौत हो गई थी। इसके बाद भी कोई ठोस उपाय जाम से निजात के लिए नहीं किए गए।

जाम के कारण फंसी रही कई एंबुलेंस

शहर के व्यस्ततम तिलकामांझी चौक पर जाम के कारण स्थिति काफी बुरी थी। चौक के समीप ही एसएसपी आवास होने के बाद भी वहां की स्थिति काफी बुरी है। उस चौक से ही जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का रास्ता गुजरता है। लेकिन जाम की वजह से कई एंबुलेंस तो चौक पर फंस गए, और कुछ एंबुलेंस को किसी तरह गली कूची होकर निकले। इस दौरान मरीजों की बुरी हालत थी। वहीं नवगछिया की तरफ से भी जिन मरीजों को इलाज के लिए भागलपुर लाया जाना था। वे भी कई घंटे तक पुल पर ही फंसे रहे।

तीन बजे तक लगी रही शहर में ट्रकों की कतार

शहर में नो इंट्री के बाद भी दिन के ढाइ बजे तक भारी वाहनों की लंबी कतारें लगी रही। तीन बजे तक भारी वाहनों को तिलकामांझी से जीरोमाइल तक किसी तरह बढ़ाया जा सका था। 4.00 बजे के बाद विक्रमशिला सेतु को जाम से मुक्त किया गया। इसके बाद पुल पर अवागमन सुचारू रूप से शुरू हो सका। जाम में कार और यात्रियों से भरे बस एवं अन्य वाहनों में बच्चों और महिलाओं को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा।

ओवरटेक करने वालों के विरूद्ध नहीं हो रही कार्रवाइयां

विक्रमशिला सेतु को जाम का बड़ा कारण माना जाता हैं। पुलिस जाम का बड़ा कारण विक्रमशिला सेतु को मानती है। भागलपुर पुलिस का कहना है कि ओवरटेक करने के कारण सेतु पर जाम की समस्या होती है। इसके लिए पुलिस ने आदेश जारी किया है कि पुल पर ओवरटेक करने वाले वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई होगी।

ऐसे वाहनों से फाइन वसूला जाएगा। लेकिन अब तक ना के बराबर वाहनों को फाइन किया गया है। ऐसी स्थिति में आदेश का कितना पालन हो रहा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।


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