किसानों पर दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में भागलपुर स्टेशन चौक पर विभिन्न संगठनों ने फूंका पीएम मोदी का पुतला
जनसंवाद मंच सामाजिक न्याय आंदोलन एसयूसीआई और गंगा मुक्ति आंदोलन के साझ बैनर तले सोमवार को स्टेशन चौक पर पीएम मोदी का पुतला फूंका गया और सरकार विरोधी नारे लगाए गए। संगठन के नेताओं ने कहा किसानों के विरूद्व दमनात्मक कार्रवाई नहीं चलेगी
भागलपुर जेएनएन। कॉरपोरेट हितैषी और किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली के सड़कों पर डटे किसानों के साथ एकजुटता जाहिर करने हुए सोमवार को जिले के विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर स्टेशन चौक पर पीएम मोदी का पुतला फूंका और सरकार विरोधी नारे लगाए।
पुतला दहन के बाद सभा में तब्दील हुए विभिन्न लोगों ने संबोधित किया। सबने सरकार के दमनात्मक कार्रवाई का विरोध किया। बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. योगेन्द्र ने कहा कि तीनों कानून खेती व किसानी को चौपट कर किसानों को कारपोरेटों का गुलाम बनाने की साजिश चल रही है। इससे केवल किसान गुलाम नहीं होंगे, मुल्क गुलाम होगा।
जनसंवाद मंच के गौतम मल्लाह और सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रामानंद पासवान ने कहा कि नए कृषि कानूनों से आवश्यक खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी बढ़ेगी। पूंजीपति सस्ते दर पर किसानों का उत्पाद खरीदेंगे और फिर महंगा बेचेंगे। उन्हें मुनाफा लूटने की छूट मिलेगी।
एसयूसीआई(सी) के निर्मल कुमार और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) के सोनम राव ने कहा कि लंबे समय से किसानों की मांग थी कि सरकार खेती के लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करे। लेकिन सरकार ने किसानों के हित में कदम उठाने के बजाय कॉरपोरेटों के हित में तीन कानून बना दिया जो न्यायोचित नहीं है।
सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन शर्मा और परिधि के राहुल ने कहा कि किसानों की लड़ाई देश को बचाने की लड़ाई है। देश की इस लड़ाई के साथ हर देशभक्त नागरिक को खड़ा होना चाहिए।
इन्होने भी पुतला दहन में लिया हिस्सा
मौके पर मौजूद थे-गंगा मुक्ति आंदोलन से जुड़े वरिष्ठ समाजकर्मी रामशरण, परिधि के उदय, सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रिंकु यादव, अंजनी,महेश अंबेडकर, दीपक प्रभाकर, बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) के अभिषेक आनंद, ऋषि,एसयूसीआई(सी) के दीपक मंडल, प्रणव भारद्वाज, रुपेश यादव, जनसंवाद मंच के नीतीश यादव, दयानंद यादव, सामाजिक कार्यकर्ता सार्थक भरत, हिमांयू, सोहिल दास सहित अन्य।