कहलगांव में प्रसूता की मौत पर हंगामा और तोडफ़ोड़, डॉक्टर, नर्स समेत इतने लोगों पर केस दर्ज
अनुमंडल अस्पताल कहलगांव में महिला मरीज की मौत के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों का आक्रोश देखकर चिकित्सक नर्स सहित अन्य कर्मचारी वहां से भाग निकले। कहलगांव के महेशामुंडा गांव की रहने वाली थी बीबी रसिदा खातुन।
भागलपुर, जेएनएन। अनुमंडल अस्पताल में सोमवार को प्रसूता की मौत के बाद स्वजन और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और अस्पताल में तोडफ़ोड़ की। ग्रामीणों का आक्रोश देख चिकित्सक, नर्स और अन्य कर्मचारी भाग खड़े हुए। सूचना मिलने पर बीडीओ, तीन थानों की पुलिस, महेशामुंडा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि, सरपंच प्रतिनिधि आदि ने पहुंचकर स्वजन को समझाया तब आक्रोशित लोग शांत हुए। मृतका की सास बीबी मासरत ने अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक सहित अन्य चिकित्सक एवं ड्युटी पर तैनात एएनएम पर प्रसव के लिए पैसे लेने और लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है।
रसिदा खातुन को परिजन रविवार की सुबह प्रसव के लिए अनुमंडल अस्पताल में कराया था भर्ती
महेशामुंडा गांव के मो. नाजीर की 30 वर्षीय पत्नी बीबी रसिदा खातुन को परिजन रविवार की सुबह प्रसव के लिए अनुमंडल अस्पताल लाए थे। नार्मल डिलीवरी से उसने पुत्र को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे, लेकिन अचानक बीबी रसिदा खातुन की हालत खराब होने लगी और सोमवार को उसकी मौत हो गई। इसकी सूचना मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण पहुंचे और अस्पताल में तोडफ़ोड़ करना शुरू कर दिया।
अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. विवेकानंद दास ने कहा कि नार्मल डिलीवरी होने के बाद प्रसुता और बच्चा स्वस्थ थे। घर जाने भी कह दिया गया था। अचानक प्रसूता की हालत गंभीर हो गई। उसे रेफर कर दिया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। आक्रोशित लोगों ने प्रसव वार्ड में काफी क्षति पहुंचाई है। अल्ट्रासाउंड मशीन, फोटोथेरेपी, वार्मर, ऑक्सीजन सेट, कूलर, सीसीटीवी कैमरा, दरवाजा, कुर्सी-टेबल, दरवाजे का शीशा आदि तोड़ दिया। इतना ही नहीं, रजिस्टर और अन्य कागजात भी फाड़ दिए। लगभग पांच लाख रुपये से ज्यादा की क्षति हुई है। इस संबंध में वरीय अधिकारियों को सूचना दे दी गई है। तोडफ़ोड़ करने वाले लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। वहीं, इस घटना के कारण अस्पताल में दिनभर स्वास्थ्य सेवा ठप रही।