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कुलपति ने टीएनबी और एलएनबीजे कॉलेज का किया निरीक्षण

राजभवन के निर्देश पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. नलिनी कात झा ने शनिवार को टीएनबी कॉलेज और एलएनबीजे कॉलेज भ्रमरपुर का निरीक्षण किया। राजभवन ने कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, महाविद्यालय निरीक्षक को हर महीने एक अंगीभूत और एक एफिलिएटेड कॉलेज का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 09:44 AM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 09:44 AM (IST)
कुलपति ने टीएनबी और एलएनबीजे कॉलेज का किया निरीक्षण
कुलपति ने टीएनबी और एलएनबीजे कॉलेज का किया निरीक्षण

भागलपुर। राजभवन के निर्देश पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. नलिनी कात झा ने शनिवार को टीएनबी कॉलेज और एलएनबीजे कॉलेज भ्रमरपुर का निरीक्षण किया। राजभवन ने कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, महाविद्यालय निरीक्षक को हर महीने एक अंगीभूत और एक एफिलिएटेड कॉलेज का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। कुलपति टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय कुमार चौधरी से कॉलेज की आधारभूत संरचना, छात्रावास, शैक्षणिक गतिविधियों, शिक्षकों की हाजरी, छात्रों की उपस्थिति की जानकारी ली। कुलपति ने पूछा कि छात्रावास में कितनी पत्रिकाएं और अखबार आते हैं। उन्होंने डायनिंग हॉल की स्थिति देखी। उन्होंने कहा कि यह कॉलेज बहुत नामचीन और प्रतिष्ठित है। इसकी व्यवस्था में और सुधार की जरूरत है। खासकर छात्रावास, मेस और खाने में सुधार करें। प्राचार्य ने कुछ विषयों में शिक्षकों की कमी बताई और कहा कि इससे कक्षाओं के संचालन में परेशानी होती है। कुलपति एलएनबीएस कॉलेज भ्रमरपुर भी गए। उन्होंने वहा के प्राचार्य को कॉलेज के एकेडमिक स्तर में सुधार करने के लिए कहा। कॉलेज के ग‌र्ल्स कॉमन रूम और शौचालय की बेहतर व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिया। उनके साथ विवि के कॉलेज इंस्पेक्टर साइंस प्रो. शभुनाथ चौधरी भी थे।

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पार्ट थ्री आटर््स का परीक्षाफल जारी

जागरण संवाददाता, भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्नातक पार्ट थ्री 2017 आटर््स का परीक्षाफल शनिवार को जारी कर दिया। छात्र विवि की वेबसाइट पर रिजल्ट देख सकते हैं।

रिजल्ट तैयार करने वाली कंपनी बाइट शॉपी पार्ट थ्री आर्ट्स का रिजल्ट तैयार करने से पीछे हट गया था। शुक्रवार को रिजल्ट तैयार करने के लिए विवि ने एजेंसी के व्यक्ति को बुलाया था, लेकिन वह नहीं आया। इसके बाद प्रतिकुलपति डॉ. रामयतन प्रसाद ने टेबुलेशन में लगे लेागों के सहयोग से सभी कॉलेजों के रिजल्ट शनिवार को जारी कर दिया। ये सभी 60 कॉलेजों के रिजल्ट छात्र अब विवि के वेबसाइट पर देख सकेंगे। ये रिजल्ट पिछले बार से अलग होगा और यह मैट्रिक और इंटर के रिजल्ट के तर्ज पर निकाला गया है।

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विवि प्रशासनिक भवन के नजदीक पहुंचा बाढ़ का पानी

जागरण संवाददाता, भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के समीप बाढ़ का पानी पहुंच गया है। महिला छात्रावास में बाढ़ का पानी फैल गया है। बाढ़ का पानी कई दिन पहले ही विवि के प्रशासनिक भवन के पीछे तक पहुंच चुका था। लेकिन शनिवार को यह प्रशासनिक भवन के सामने सड़क के किनारे तक पहुंच गया। यदि पानी बढ़ने की रफ्तार यही रही तो दो दिन में यह पानी सड़क पर भी आ सकता है। दो साल पहले पानी विवि के प्रशासनिक भवन तक बाढ़ का पानी पहुंच गया था। उस समय प्रशासनिक भवन तक जाने के लिए लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ा था।

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खुद रिजल्ट तैयार करेगा विवि

जागरण संवाददाता, भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविालय प्रशासन अब रिजल्ट के लिए बाइटी शॉपी की मदद नहीं लेगा। विवि ने अब खुद रिजल्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस नई व्यवस्था के बाद से बाइटी शॉपी पर विवि की निर्भरता समाप्त हो जाएगी।

विवि लंबे समय से एजेंसी बाइटी शॉपी से रिजल्ट तैयार करवा रहा है। लेकिन उसके भुगतान नहीं होने के कारण उसने रिजल्ट बनाने का काम बंद कर दिया था। विभिन्न परीक्षा के रिजल्ट भी पेंडिंग कर दिए गए थे। जिससे छात्र परेशान थे। उससे काम कराने पर भी विवि में सवाल उठा था। जिसके कारण उसके भुगतान को रोक दिया गया था। जिसके कारण उसने काम करना बंद कर दिया है। 2017 की परीक्षा के साइंस और कॉमर्स का अंकपत्र नहीं दिया है, वहीं आर्ट्स का रिजल्ट भी उसने रोक दिया है।

बार-बार परेशानी के कारण इस बार विवि ने यह निर्णय लिया कि इस बार रिजल्ट का काम खुद विवि करेगा। इसलिए 2018 के पार्ट वन के रिजल्ट का काम विवि के परीक्षा विभाग का कंप्यूटर सेक्शन करेगा। कॉमर्स के मा‌र्क्स फाइल से रिजल्ट बनाने का काम उसने शुरू कर दिया है। इसके बाद साइंस और फिर आर्ट्स का रिजल्ट का काम होगा।

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विवि कर्मियों का डाटा नहीं भेज रहा विवि

जागरण संवाददाता, भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को विवि की लापरवाही की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। विवि ने पहले वेतन का बिल ट्रेजरी में भेजने में देरी की। अब विवि सरकार को इनका डाटा नहीं भेजकर इनके सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में देरी का कारण बन रहा है। सरकार के अपर सचिव मनोज कुमार ने करीब डेढ़ महीने पहले विवि से शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा मागा था। अपर सचिव ने 23 जुलाई को भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से कहा था कि शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत सातवें वेतन पुनरीक्षण का लाभ देने के लिए वित्तीय भार का आकलन करना है। यह तभी संभव होगा जब सरकार के पास विवि में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा उपलब्ध होगा। सरकार ने यह भी तय किया था कि डाटा उन शिक्षकों और कर्मचारियों का भेजा जाए जो एक जनवरी 2016 को कार्यरत थे। ऐसे में विवि को ज्यादा मेहनत करने की भी जरूरत नहीं पड़ती। भुस्टा के अध्यक्ष डॉ. डीएन राय ने बताया कि विवि ने डाटा अब तक नहीं भेजा है। सातवें वेतन पुनरीक्षण का लाभ मिलने में पहले ही देर हो चुकी है। अब सरकार ने तैयारी शुरू की है और डाटा मागा है तो विवि के स्तर से डाटा भेजने में देरी की जा रही है।


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