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खगड़िया के जज साहब की Unique Marriage, न पंडित न कोई रीति-रिवाज, साक्षी बना संविधान, वकील बोले- पेश की मिसाल

Unique Marriage खगड़िया के जज साहब ने पटना की जज साहिबा से सात जन्मों का रिश्ता संविधान की शपथ लेते हुए बांध लिया। दोनों की शादी बेहद ही सादगी के साथ हुई। इस शादी में न तो पंडित थे न ही कोई रीति रिवाज। जो था वो काबिल-ए-तारीफ।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 02:19 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 03:49 PM (IST)
खगड़िया के जज साहब की Unique Marriage, न पंडित न कोई रीति-रिवाज, साक्षी बना संविधान, वकील बोले- पेश की मिसाल
अनूठी शादी की चर्चा चारों ओर, दहेज नाम की कोई चीज ही नहीं।

 जागरण टीम, भागलपुर। Unique Marriage- खगड़िया व्यवहार न्यायालय में न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय श्रेणी के रूप में पदस्थापित आदित्य प्रकाश की शादी चर्चा में है। ये अनोखी ही शादी है कि जब संविधान की शपथ लेते हुए सात जन्मों का रिश्ता बांधा गया हो। पटना व्‍यवहार न्‍यायालय में जज आयुषी कुमारी के साथ विवाह करने वाले आदित्य प्रकाश की खूब तारीफ की जा रही है। ना बैंड-बाजा, ना ज्यादा तामझाम, गिनती में नौ से दस बाराती और दहेज मुक्त शादी। यही नहीं, दोनों जजों को एक परिणय सूत्र में बांधने के लिए पंडित भी नहीं था। साथ ही कन्यादान, सिंदूरदान व अग्नि के सात फेरे की रस्‍में भी नहीं हुईं।

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सुर्खियों में आदर्श विवाह 

जज आदित्य प्रकाश वैशाली जिला मुख्‍यालय हाजीपुर के युसूफपुर के रहने वाले हैं। वहीं, उनकी पत्नी आयुषी कुमारी पटना के फुलवारीशरीफ स्थित पूर्णेन्दू नगर की निवासी हैं। पटना के एक बैंक्वेट हाल में दोनों ने संकल्प पत्र पढ़ते हुए एक दूसरे को जयमाला पहनाया। इस संकल्प पत्र में पूरी जिंदगी एक दूसरे के साथ निर्वहन करने, सिंदूर को महिलाओं का सौंदर्य प्रशाधन के रूप में प्रयोग करने जैसी तमाम बातें लिखीं हुई हैं। महिलाओं को पूरा अधिकार और उनकी आजादी को लेकर भी ये शादी मिसाल पेश करते नजर आ रही है। 

खगड़िया के अधिवक्ताओं ने इसकी तहे दिल से प्रशंसा की है और एक विरल उदाहरण बताया है। खगड़िया व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता अमिताभ सिन्हा ने कहा है कि यह कदम स्वागत योग्य है। इससे समाज में अच्छा दृष्टांत जाएगा। बिहार में जब कोई युवा पद पर आते हैं तो दहेज का उनका डिमांड बढ़ जाता है। लेकिन एक न्यायिक दंडाधिकारी होने के बावजूद दहेज मुक्त विवाह सराहनीय कदम है। इससे बिहार की छवि बदलेगी। ऐसा उदाहरण बिहार की छवि को नए रूप में लाने में मददगार होंगे।

खगड़िया व्यवहार न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता रेखा कुमारी ने बताया कि समाज के लिए आइना स्वरूप है। इससे समाज में बदलाव आएगा और इस बदलाव की अनिवार्यता भी है। 


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