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केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा - नागरिकता संशोधन कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है Bhagalpur News

यह कानून पाकिस्तान बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान के पीडि़त शोषित एवं प्रताडि़त हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी और ईसाइयों को भारत की नागरिकता देने के लिए पारित किया गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 03:54 PM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 03:54 PM (IST)
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा - नागरिकता संशोधन कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है Bhagalpur News
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा - नागरिकता संशोधन कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि नागरिक संशोधन अधिनियम-2019 मुस्लिम विरोधी नहीं है। न ही सरका की ऐसी कोई मंशा ही है। अभी तक अलग-अलग देशों के 566 प्रताडि़त मुस्लिमों को भारत में नागरिकता दी गई है। उन्होंने कांग्रेस एवं महागठबंधन पर आरोप लगाया कि वे छात्रों को भड़काकर भय का वातावरण बनाने में लगे हैं।

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केंद्रीय राज्यमंत्री स्थानीय आइएमए हॉल में आयोजित परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। परिचर्चा का विषय नागरिक संशोधन अधिनियम-2019 रखा गया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान के पीडि़त, शोषित एवं प्रताडि़त ङ्क्षहदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारत की नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित किया गया है। 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हुए सभी शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान किया जाएगा। वहीं 31 दिसंबर 2014 के बाद भारत आने वाले शरणार्थियों को पांच साल तक भारत में रहना होगा, इसके बाद उन्हें भी नागरिकता दे दी जाएगी। इस बीच शासन-प्रशासन उन्हें अवैध प्रवासी मानकर परेशान नही करेगा। यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है।

यह राष्ट्र का विरोध जैसा : एके राय

तिलकामांझी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अवध किशोर राय ने कहा कि संवैधानिक रूप से स्वीकृत होने के बाद नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करना राष्ट्र का विरोध करने जैसा है। इसकी निंदा आवश्यक है। ट्रिपल आइटी के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे ने गृह मंत्रालय के अनुदेश को पढ़ा और जानकारी दी। बीआइटी मेसरा के पूर्व कुलपति डॉ. जनार्दन झा ने बताया कि भारत सदैव मानव सभ्यता के लिए कार्य करता रहा है। इस अधिनियम से हमें बल मिला है। टीएमबीयू के पूर्व सिंडिकेट सदस्य प्रो. सुरेंद्र अनल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. कामाख्या प्रसाद, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रदेश संयोजक मो. अल्तमश बिहारी खान ने कहा कि इससे मुस्लिम समाज को कोई तकलीफ नहीं है एवं इससे ङ्क्षहदू-मुस्लिम के बीच संबंध प्रगाढ़ बनाने में मदद मिलेगी।

उपद्रव एवं हिंसा की मंशा

भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय मंत्री अर्जित चौबे ने कहा कि सम्पूर्ण भारत में भ्रांति फैलाकर कुछ षड्यंत्रकारी एवं राष्ट्र विरोधी ताकतें देश में उन्माद फैलाकर उपद्रव एवं हिंसा के द्वारा अशांति और भय का वातावरण कायम करना चाहती है। इसका प्रतिकार करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 1947 में पाकिस्तान में जहां 13.5 फीसद ङ्क्षहदू थे। आज मात्र 1.5 फीसद बचे हैं। वहीं बांग्लादेश में 28 फीसद हिंदू थे, जो अब मात्र आठ फीसद बचे हैं। यानी हिंदुओं का बड़े पैमाने पर धर्मांतरण किया गया और बहु बेटियों को प्रताडि़त भी किया गया। जिसके कारण उन्हें भारत की शरण मे आना पड़ा। कार्यक्रम की अध्यक्षता ईस्टर्न बिहार चैंबर आफ कॉमर्स के अध्यक्ष अशोक भिवानीवाला ने किया। कार्यक्रम के संयोजक चंदन ठाकुर ने मंच संचालन किया। प्रो. अशोक झा ने धन्यवाद दिया।


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