मजदूर गाड़ रहे थे लोहे का पोल, तभी आ गया उसमें करंट... फिर
नवगछिया थाना क्षेत्र के खादी भंडार के पास 33 केवी हाईलेवल फीडर के लिए लोहे का 12 मजदूर पोल गाड़ रहे थे। मजदूरों ने मकंदपुर विद्धुत उपकेद्र को फोन कर बिजली कटवा दिया था।
भागलपुर [जेएनएन]। 33 केवी हाईलेवल फीडर के लिए लोहे का पोल गाड़ रहे मजदूरों को उस समय जबर्दस्त झटका लग गया, जिस समय उस पोल में करंट आ गई। हाईवोल्टेज करंट आने से मानो वहां अफरातफरी मच गई। एक दर्जन मजदूर वहां काम कर रहे थे।
बजली विभाग की लापरवाही से नवगछिया में मंगलवार को करंट लगने से दो मजदूरों की जान चली गई। जबकि एक मजदूर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। मृतकों में नवगछिया के महदत्तपुर निवासी कैलाश सिंह और परबत्ता के बोड़वा निवासी राजेश कुमार हैं। गोपालपुर के अभिया निवासी मजदूर निरंजन मंडल जख्मी है।
काम में लगे थे 12 मजदूर
बनारसी लाल सर्राफ कॉलेज जाने वाली सड़क किनारे बजाज इलेक्ट्रिक कंपनी के द्वारा लोहे के दो पोल गड़वाए जा रहे थे। इस काम में 12 मजदूरों को लगाया गया था। काम शुरू करने के पूर्व कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने फोन कर विद्युत सब स्टेशन मकंदपुर को बिजली काटने के लिए कह दिया था। सब स्टेशन से मजदूरों को यह आश्वास्त किया गया था कि बिजली काट दी गई है, आप लोग कार्य करें। इसके बाद सभी मजदूर पोल गाडऩे में जुट गए। इसी दौरान एक पोल असंतुलित होकर बिजली तार से जा सटा। पोल में करंट आ गया, जिसकी चपेट में पोल पकड़े तीन मजदूर आ गए। तीनों को आनन-फानन नवगछिया अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान कैलाश सिंह और राकेश कुमार की मौत हो गई। निरंजन सिंह को बेहतर इलाज के लिए जेएलएनएमसीएच रेफर किया गया है। घटना के बाद प्रोजेक्ट मैनेजर मौके से भाग निकला।
एक ही फीडर का लिया गया था शटडाउन
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रभात रंजन का कहना है कि कार्यस्थल के पास से दो फीडर के लिए 11 हजार वोल्ट का तार गुजरा है। पहला खरीक फीडर और दूसरा हाइलेबल फीडर के लिए। दोनों की बीच की दूरी पांच-छह फीट के आसपास है। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने सिर्फ हाइलेबल फीडर का शटडाउन लिया था। जबकि दोनों फीडर का शटडाउन लेना चाहिए था। काम करते वक्त पोल असंतुलित होकर लाइन वाले फीडर से सट गया, जिससे यह हादसा हुआ। विभाग के जूनियर इंजीनियर को घटना स्थल पर भेजा गया है।
बिना किसी सुरक्षा उपकरण के कार्य कर रहे थे सभी मजदूर
पोल गाडऩे के दौरान मजदूरों ने जूते, दास्ताने और हेलमेट नहीं पहने थे। बिना किसी सुरक्षा उपकरण के सभी मजदूर कार्य कर रहे थे। इसमें ठेकेदार ने घोर लापरवाही बरती है।