बिहार में दो भाइयों पर ततैया के झुंड ने किया हमला, एक की मौत, ऐसे कीटों से रहें सावधान
बिहार के खगडि़या में ततैया के हमले में एक युवक की मौत हो गई जबकि दूसरा युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गया है। दोनों को बहियार में भौंरे ने हमला बोल दिया। कीटों के अचानक हमले के कारण दोनों कहीं भाग नहीं पाए।
संवाद सूत्र, परबत्ता (खगड़िया)। बिहार के खगड़िया जिले के जोरावरपुर पंचायत के नयागांव शिरोमणि टोला निवासी दो सगे भाइयों पर मंगलवार को ततैया (Wasp) के झुंड ने हमला बोल दिया। एक भाई रामविलास सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं उनके छोटे भाई निरंजन सिंह उर्फ नीरो जख्मी हैं। निरंजन सिंह का परबत्ता सीएचसी में उपचार किया गया। उपचार बाद उन्हें घर भेज दिया गया है। निरंजन खतरे से बाहर बताया जा रहा है। परबत्ता सीएचसी के डा. कुमार आशुतोष ने बताया कि बड़ी संख्या में ततैया ने डंक मारा था। निरंजन सिंह को उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। दर्द और डर के कारण निरंजन सिंह के भाई रामविलास सिंह की मौत हुई है, ऐसा कहा जा सकता है।
वहीं स्थानीय लोग और मृतक का जख्मी भाई कीटों को भौंरा बताते रहे। कई लोगों ने इसे मधुमक्खी का हमला भी करार दिया। बताया जाता है कि दोनों भाई खेत में घास काटने के लिए चक्की बहरखाल बहियार गए थे। वहां से बैलगाड़ी पर घास लेकर वापस लौट रहे थे। कबेला नास मोड़ बहियार के पास ततैया के झुंड ने सगे भाइयों पर हमला कर दिया। जिससे रामविलास सिंह की मौत हो गई। निरंजन सिंह ने भागकर किसी तरह से जान बचाई। इस दौरान वहां से गुजर रहे नयागांव- शिरोमणि टोला निवासी रंजय राय पर भी इन कीटों ने हमला कर दिया। वे भी आंशिक रूप से जख्मी हैं। स्थानीय मुखिया सुधीर कुमार ने घटना की पुष्टि की है। घटना के बाद स्वजन रामविलास सिंह का शव लेकर घर चले गए हैं। परबत्ता थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पाल ने कहा कि उन्हें इस घटना की कोई सूचना नहीं है।
कीटों के डंक से जख्मी निरंजन सिंह का इलाज किया गया है। उनकी स्थिति सामान्य हैं। उन्हें उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। निरंजन सिंह ने ही बताया कि उनके भाई रामविलास सिंह को भी बड़ी तादाद में कीटों ने काट लिया, जिनकी मौत हो गई। - डा. कुमार आशुतोष, परबत्ता सीएचसी, खगड़िया।
'खगड़िया की तरफ मुख्य रूप से काले और पीले भाैंरे पाए जाते हैं। ततैया भी होती है, हो न हो ततैया का हमला रहा होगा। दोनों कीटों के डंक का प्रभाव नर्भ (नस) पर ज्यादा पड़ता है। इससे मौत भी हो सकती हैं। यह झुंड में रहते हैं और झुंड में ही हमला भी करते हैं।' - डा. हिमांयु अख्तर, विभागाध्यक्ष, जंतु विज्ञान, कोसी कालेज, खगड़िया।