चेचक और पोलियो की तरह 2025 तक टीबी भी होगा खत्म
चेचक पोलियो की तर्ज पर साल 2025 तक देश से टीबी का उन्मूलन होगा। इसके लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। इसके लिए समाज के हरेक वर्ग को टीबी उन्मूलन के लिए आगे आना होगा।
भागलपुर [जेएनएन]। टीबी पर कुछ हद तक नियंत्रण हुआ है। पर, अभी भी इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। जिस तरह देश से पोलियो और चेचक से मुक्त कर दिया गया है, वैसे ही टीबी को जड़ से मिटाने की जरूरत है। यह बात आइएमए और आरएनटीसीपी की ओर से एक होटल में आइएमए इंड टीबी इशिएटिव एंड 2025 विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि जेएलएनएमसीएच के प्राचार्य डॉ. हेमंत कुमार सिन्हा ने कही।
प्राचार्य ने कहा कि चेचक, पोलियो की तर्ज पर साल 2025 तक देश से टीबी का उन्मूलन होगा। इसके लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने कहा कि समाज के हरेक वर्ग को टीबी उन्मूलन के लिए आगे आना होगा। इससे पूर्व संगोष्ठी का शुभारंभ प्राचार्य, अधीक्षक और आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एसपी सिंह ने संयुक्त रूप से किया। संचालन आइएमए भागलपुर के सचिव डॉ. अमिताभ सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ. आरके सिन्हा, डॉ. केके सिन्हा, डॉ. विनय कुमार झा, डॉ. एसके निराला, डॉ. मनोज कुमार चौधरी मौजूद थे।
टीबी वैक्सीन से होगा नियंत्रण
जेएलएनएमसीएच के चेस्ट एंड रेसिपिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह ने कहा कि 2025 तक हमें देश से टीबी की बीमारी को दूर करना है तो हमें टीबी की जांच-इलाज के साथ-साथ प्रीवेंशन (बचाव) पर जोर देना होगा। इसके लिए टीबी का वैक्सीन लाना होगा। साथ ही लोगों को जागरूक करना होगा। वरीय फिजिशियन डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि अभी देश में टीबी उन्मूलन की दर दो प्रतिशत सालाना है। इस रफ्तार से देश से टीबी उन्मूलन साल 2050 तक संभव है। ऐसे में 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए हमें टीबी उन्मूलन की दर 20 फीसद सालाना तक पहुंचाना होगा। इसमें आईएमए की अहम भूमिका होगी।