कोसी ने शुरू की तबाही, रतजगा कर रहे ग्रामीण
जलस्तर में उतार-चढ़ाव शुरू होने के साथ ही इस क्षेत्र में बसे सैकड़ों लोगों की तबाही शुरु हो चुकी है।
सुपौल। कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव शुरू होने के साथ ही इस क्षेत्र में बसे सैकड़ों लोगों की तबाही शुरु हो चुकी है। जलस्तर में लगातार रूप से हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण इस क्षेत्र के लोग अब रतजगा कर रहने लगे हैं। क्या पता रात में कब पानी आ जाए और लोगों के घर द्वार में प्रवेश कर जाए जिससे आशंकित हो कर लोग चैन की नींद नहीं सो पाते हैं। इस बार कोसी का रुख पश्चिमी गाइड बांध की तरफ है। जिससे लौकहा, कोढ़ली, कवियाही, कड़हरी, तकिया, उगरीपट्टी, सियानी ढोली, झखराही, भुलिया, कटैया, बनैनियां पलार आदि गांव में रह रहकर पानी भर जा रहा है। पानी भरने के बाद जहां फसलों की बर्बादी हो रही है वहीं लोगों को आवागमन में भी भारी समस्या खड़ी हो जाती है। कोसी में फिलहाल एक भी सरकारी नाव नहीं है और इसका खामियाजा इसके पेट में बसे लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जानकारी अनुसार निजी नव मालिक लोगों की मजबूरी को देखते हुए लोगों से मनमाने पैसे की वसूली करने में लगे हैं। कोसी के लोगों को आवश्यक सामग्री की खरीद हेतु भपटियाही बाजार, निर्मली बाजार सहित अन्य जगहों पर आना जाना पड़ता है। इसके लिए उन सभी को नदी पार करने हेतु नाव ही एकमात्र सहारा है। अंचल प्रशासन ने अभी तक सरकारी नाव बहाल नहीं किया है। ताकि लोग बिना पैसा दिए नदी पार कर सके। कोसी क्षेत्र के कुछ लोगों का कहना है कि बाढ़ से बचाव हेतु सरकारी स्तर से जो टीले बनवाए गए वह भी आधा अधूरा पड़ा है। आपातकाल में लोगों को शरण लेने के लिए इस बार कोई जगह दिखाई नहीं देती है। पिछले 1 सप्ताह से कोसी नदी में जारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पानी की दिशा इस बार सीधे बस्ती की ओर होगी और यदि ऐसा हुआ तो आगे के तीन माह तक कोसी क्षेत्र के लोग कई तरह की समस्याओं के बीच जीने को विवश होंगे।
-कोट
कोसी क्षेत्र के लोगों की सहायता पर पूरी नजर रखी जा रही है। किसी भी आपातकाल की स्थिति में प्रशासन लोगों को हर संभव सहायता देगी।
शरत कुमार मंडल,अंचलाधिकारी, सरायगढ़