किसानों की नहीं थम रही परेशानी, पहले बाढ़ अब बारिश ने फेरा उम्मीदों पर फेरा पानी
खगडिय़ा में दुबारा बाढ़ आने से सैकड़ों एकड़ में लगी दलहन की फसल डूब गई है। साथ ही बारिश से उत्पन्न जलजमाव के कारण सैकड़ों पेड़-पौधे सूख गए
खगडिय़ा, जेएनएन। बाढ़-बारिश से किसान परेशान हैं। एक बार फिर कोसी-बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें डूब गई है। जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। पूर्व की बाढ़ में धान व मक्के की फसल डूब चुकी थी। रही-सही कसर दुबारा आई बाढ़ ने पूरी कर दी है। कोसी-बागमती दियारा में पहले आई बाढ़ से सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें डूब गई थी। उसके बाद नदी का जलस्तर घटकर पानी नदी में चल गया। बाढ़ का पानी जाने बाद दियारा के किसानों ने जमकर दलहन की बुआई की।
इस बार दियारा के किसानों ने दलहन की बड़े पैमाने पर की है बुआई
इस बार दियारा के किसानों ने दलहन की बड़े पैमाने पर बुआई की है। उन्हें उम्मीद थी कि बाढ़ का पानी जाने बाद उर्वर भूमि पर जमकर दलहन की फसल होगी। लेकिन बाढ़ के दुबारा लौटने से किसान हतप्रभ हैं। उन्होंने सपनों में भी नहीं सोचा था कि दोबारा बाढ़ आएगी। किसान हताश और निराश दिख रहे हैं। ठुठी मोहनपुर पंचायत के किसान सलाहकार अमृतेश कुमार ने कहा कि दुबारा बाढ़ आने से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है। दलहन की खेती चौपट हो गई है। सैकड़ों एकड़ में लगी दलहन की फसल डूब गई है।
लगातार हो रही बारिश पौधों को पहुंचा रहा नुकसान
दूसरी ओर लगातार की बारिश से भी दियारा और बाहरी इलाके में नुकसान हुआ है। बारिश से पौधरोपण को बहुत नुकसान पहुंचा है। जल जमाव के कारण बड़ी संख्या में पेड़-पौधे सूख गए हैं। किसान लालपुर निवासी नवलकिशोर ङ्क्षसह, रविशंकर ङ्क्षसह, मिथिलेश प्रसाद ङ्क्षसह आदि ने बताया कि अति बारिश के कारण पौधरोपण क्षेत्र में जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। जिससे सागवान, गम्हार, कटहल आदि के पेड़ काफी संख्या में सूख गए हैं। इससे किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। काफी मेहनत से पौधरोपण किया था। वर्षों की मेहनत पर पानी फिर गया है।