हेलमेट नहीं पहनने वालों को फूल भेंट कर सम्मान के साथ सीख दे रही यातायात पुलिस
अब हेलमेट नहीं पहनने वालों कार की सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों को पुलिस प्रेम से रोकती। उन्हें गुलाब का फूल भेंट कर यातायात नियमों का पालन करने का अनुरोध कर रही है। हेलमेट नहीं पहन कर चलने वाले बाइक सवार वापस घर भेज दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर ाा सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा के मूल मंत्र के साथ 18 जनवरी से 17 फरवरी के बीच सड़क सुरक्षा माह में पुलिस ने तरीका बदल लिया है। अब हेलमेट नहीं पहनने वालों, कार की सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों को पुलिस प्रेम से रोकती। उन्हें गुलाब का फूल भेंट कर नियम पालन का अनुरोध कर रहे हैं। हेलमेट नहीं पहन कर चलने वाले बाइक सवार यदि यह बोलते कि हेलमेट घर पर छूट गया है तो उनकी गाड़ी रोक उन्हें घर भेज दिया जा रहा है। घर से हेलमेट लाएं और गाड़ी ले जाएं।
यातायात पुलिस की इस गांधीगिरी से शर्म से काठ हो रहे ऐसे लोग यातायात नियमों का पालन करना शुरू कर दिया है। अब कम लोग बिना हेलमेट के नजर आ रहे हैं। कार चलाने वाले सीट बेल्ट लगा कर चलने लगे हैं। एसएसपी निताशा गुडिय़ा ने पुलिसकर्मियों को संदेश दे रखा है कि प्रेम से नियम अनुपालन करने वालों को रोकें। उन्हें यातायात नियम के अनुपालन करने का अनुरोध करें। उन्हें सार्वजनिक जगह पर फूल भेंट करें ताकि उन्हें अपनी सुरक्षा का खुद एहसास हो सके। आगे नियम का अनुपालन स्वफूर्त करें।
माइकिंग के जरिए किया जा रहा लोगों को जागरूक
एसएसपी के निर्देश पर सार्जेंट मेजर, यातायात दारोगा जगह-जगह माइकिंग कर लोगों को यातायात नियम के अनुपालन के प्रति जागरूक कर रहे हैं। सड़क हादसे में हेलमेट नहीं रहने से होने वाली मौत, सीट बेल्ट नहीं पहनने से हादसे के समय जीवन रक्षक बैलून के नहीं फूलने से कैसे जान चली जाती है यह जानकारी दे रहे हैं। सार्जेंट मेजर केके शर्मा, यातायात दारोगा श्रीकांत महतो आदि जगह-जगह लोगों को जागरूर कर रहे हैं।
जीवन जागृति सोसाइटी का सड़क सुरक्षा पर कार्यक्रम
सड़क सुरक्षा माह के लगातार तीसरे दिन जीवन जागृति सोसाइटी का सड़क सुरक्षा पर कार्यक्रम जारी रहा। गुरुवार को पटल बाबू रोड स्थित दुकानदारों को सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को मदद करने के लिए प्रेरित किया। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 2014 में दिए गए निर्देश के आधार पर सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा बनाए हुए गजट को बांटा गया। गजट में सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को यदि कोई व्यक्ति मदद करता और अस्पताल पहुंचाता है तो अस्पताल में उसे रोका नहीं जाएगा । यदि वह अपना नाम नहीं बताना चाहें तो उसे जबरदस्ती नाम बताने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। ले जाने के क्रम में घायल व्यक्ति के साथ कुछ अनहोनी भी हो जाए तो मददगार पर किसी भी तरह का सिविल या अपराधिक मुकदमा दायर नहीं होगा। अब सरकार ऐसे लोगों को सम्मानित और पुरस्कृत भी करती है।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि बेफिक्र होकर घायल को अस्पताल पहुंचाएं और अपने मानव होने का फर्ज निभाएं।
प्रसिद्ध फिजीशियन डॉ डीपी सिंह ने उपस्थित सारे मरीज एवं अभिभावकों को इस गजट के बारे में जानकारी दी। पटल बाबू रोड पर स्थित करीब 120 दुकानदारों के बीच बांटा गया ।
कार्यक्रम में सोमेश यादव , राकेश माही ,धर्मेंद्र कुमार, रामकुमार ,रुपेश और सीपक शामिल आदि शामिल थे।