Chhath Puja 2020: कटिहार का एक गांव जो छठ की आस्था के साथ जोड़ता है शहीदों के नाम, जानिए...
Chhath Puja 2020 कटिहार में पिछले एक दशक से छठ पर्व के मौके पर शहीदों को भी श्रद्धांजलि देने की परंपरा है। यहां के लोग पहले अघ्र्य के बाद शाम को शहीदों के नाम एक-एक दीया जलाते हैं। इसमें गांव के सभी लोग शामिल होते हैं।
कटिहार, जेएनएन। शहीद ही हमारे असली नायक हैं। उनकी बदौलत ही हम देश में सुरक्षित हैं और शांति के साथ गुजर-बसर कर रहे हैं। देश के लिए शहीद होने से बड़ा कोई दूसरा बलिदान नहीं है। जब हम लोग छठ जैसे महान पर्व को मना रहे हैं तब हमारे जवान सीमा पर दुश्मनों से लोहा ले रहे हैं। इसलिए हर भारतीय अपने-अपने तरीके के जवानों को नमन करता है। पर, कटिहार के सेमापुर सकरैली गांव के लोग पिछले एक दशक से छठ की आस्था के साथ शहीदों का भी नाम लिख रहे हैं।
पहले अर्घ्य के बाद शाम में गांव के सभी लोग जलाते हैं एक-एक दीप
सेमापुर सकरैली गांव में छठ पूजा के पहले अर्घ्य के बाद शाम को पूरे गांव के लोग शहीदों के नाम एक-एक दीप जलाते हैं। इसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई शामिल होता है। इस दौरान सभी वीर जवानों को नमन करते हैं।
एक दशक से चली आ रही यह परंपरा
छठ पूजा के दौरान दीप जलाकर जवानों को श्रद्धांजलि देने की परंपरा पिछले एक दशक से चली आ रही है। गांव के लोग बताते हैं कि कारगिल युद्ध के बाद से ही इस गांव में हर पर्व और त्योहार पर शहीद जवानों के नाम दीप जलाने की परंपरा शुरू हो गई थी। पर, पिछले एक दशक से छठ के मौके पर गांव के सभी लोग शहीद जवानों के नाम एक-एक दीप जला रहे हैं।
छठ पर्व पर दीप जलाने के पीछे यह है कारण
गांव के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि छठ पर्व बिहार का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस पर्व के दौरान दूर प्रदेश में रहने वाले लोग भी अपने गांव आ जाते हैं। सभी लोग इस कार्यक्रम में भी शामिल होते हैं। वहीं, इस दौरान बच्चों और युवकों को भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य के बारे में भी बताया जाता है।