Move to Jagran APP

रोटी-बेटी के रिश्ते पर भारी पड़ रहे व्यापारी

1955 के अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत निर्बाध आवागमन और व्यापार दोनों देशों के बीच है जारी ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 12:50 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 12:50 PM (IST)
रोटी-बेटी के रिश्ते पर भारी पड़ रहे व्यापारी
रोटी-बेटी के रिश्ते पर भारी पड़ रहे व्यापारी

सुपौल (प्रवीण मिश्रा)। भारत का पड़ोसी देश नेपाल से रोटी-बेटी का रिश्ता रहा है। दोनों देश एक दूसरे के सहयोगी रहे हैं। इसलिए आमतौर पर भारत-नेपाल की खुले सीमा क्षेत्र रहने के कारण आमलोग एक-दूसरे देशों के साथ थोक एवं खुदरा व्यापार वर्षों से करते आ रहे हैं। जिसके लिए दोनों देशों के मुद्रा विनिमय दर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा निर्धारित है। लेकिन हाल के दिनों में यह मुद्रा दर लागू नहीं है। इस अंतरराष्ट्रीय दर की अवहेलना कर व्यापारियों द्वारा मनमानी की जा रही है। जिसका सीधा असर दोनों देशों के बाजारों और आम जनता की जेबों पर पड़ रहा है।

prime article banner

नेपाली तथा भारतीय मुद्रा विनिमय दर में कोई फेरबदल या अवमूल्यन नहीं किए जाने के बावजूद भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के दोनों प्रभागों में व्यावसायियों द्वारा मुद्रा विनिमय दर कम किए जाने से जहां जनता शोषित हो रही है वहीं व्यवसायी मालामाल हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण नेपाल स्थित सटही काउंटर (मुद्रा एक्सचेंज काउंटर) का बंद हो जाना है।

---

दोनो देशों में है रोटी-बेटी का रिश्ता

भारत तथा नेपाल के बीच सदा से ही रोटी-बेटी का संबंध रहा है। 1955 के अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत निर्बाध आवागमन दोनों देशों के बीच जारी रहने के कारण आम लोगों की सुविधा के लिए तथा एक-दूसरे देश में आने जाने के क्रम में मुद्रा बदलने हेतु एक काउंटर जोगबनी और दूसरा कोसी बराज स्थित नेपाल कस्टम के साथ सटही काउंटर खोला गया। किसी कारणवश नेपाल के अर्थ मंत्रालय द्वारा दशक पूर्व ही बराज स्थित काउंटर को बंद कर दिया गया।

---

दोनों देश के लोग दोनों बाजारों में करते हैं खरीदारी

दोनों देशों के लोगों का सीमा क्षेत्र के बाजारों से खरीदारी की परंपरा रही है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक-दूसरे के लिए निर्धारित मूल्यों पर दोनों देशों के मुद्राओं का प्रचलन था। यथा नेपाली बाजारों में भी भारतीय मुद्रा ली जाती है और भारतीय बाजारों में नेपाली मुद्रा ली जाती है। लेकिन सटही काउंटर के बंद हो जाने से अब व्यापारी इसका नाजायज फायदा उठा रहे हैं।

---

यह है निर्धारित दर

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष द्वारा 100 रुपये नेपाली मुद्रा का भारतीय बाजार में 62.50 रुपये भारतीय मुद्रा विनिमय दर निर्धारित किया गया है। वहीं 100 रुपये भारतीय मुद्रा का मूल्य नेपाली बाजार में 160 रुपये नेपाली मुद्रा निर्धारित है।

---

वर्तमान दर

पहले जहां 100 रुपये नेपाली का 62.50 रुपये भारतीय मुद्रा में खुलेआम विनिमय होता था वहीं अब 55 से 60 रुपये दिया जाता है। इसी तरह 100 रुपये के भारतीय नोट के बदले 170 रुपये नेपाली मुद्रा का विनिमय दर दुकानदारों द्वारा निर्धारित कर रखा है। मगर अब इस अवमूल्यन के कारण शोषण लगातार रूप से जारी है।

---

विनिमय दर की अवहेलना

भारतीय बाजारों में पहले के दिनों में खुलेआम 10 रुपये के नेपाली नोट 06 रुपये भारतीय एवं 05 के नेपाली नोट 03 रुपये भारतीय दर में प्रचलित था। परंतु नोटबंदी के बाद अब 10 वाला नेपाली नोट 04 से 05 रुपये में और 05 वाला नेपाली नोट तो कोई लेने को तैयार ही नहीं।

---

भारतीय एटीएम पर भी इसका असर

नेपाल के विभिन्न बैंकों से निर्गत एटीएम कार्ड जो भारत में वैध हैं उसके द्वारा भारत में एटीएम से भारतीय मुद्रा निकाल कर मुद्रा विनिमय के इस धंधे को बढ़ावा मिल रहा है और धंधेबाज मालामाल हो रहे हैं। इस कारण इस सीमा क्षेत्र के एटीएम में हमेशा पैसों की कमी आम ग्राहकों को झेलनी पड़ रही है। व्यवसायियों के इस रवैये के कारण भारत और नेपाल के वर्षों पुराने रिश्ते पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और आम ग्राहक अपने आप को ठगा महसूस करते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.