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शौचालय नहीं हैं उपयोग के लायक, शहर आएं तो सोच-समझकर

भागलपुर। रिकी देवी गुरुवार को खरीदारी करने बाजार पहुंची थीं। तिलकामांझी चौक पर एक दु

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 11:06 PM (IST)
शौचालय नहीं हैं उपयोग के लायक, शहर आएं तो सोच-समझकर
शौचालय नहीं हैं उपयोग के लायक, शहर आएं तो सोच-समझकर

भागलपुर। रिकी देवी गुरुवार को खरीदारी करने बाजार पहुंची थीं। तिलकामांझी चौक पर एक दुकान में खरीदारी करने के दौरान अचानक रिकी ने साथ आई महिला प्रमिला देवी से पूछा-आसपास सार्वजनिक शौचालय है क्या? प्रमिला ने दुकानदार से पूछा तो बताया कि बरारी की ओर जाने वाली सड़क किनारे ही सार्वजनिक शौचालय है। रिकी देवी वहां पहुंचीं और गंदगी देख वापस लौट गई। यह कहानी एक रिकी देवी की नहीं है, बल्कि बाजार आने वाली सभी महिलाओं की है जिन्हें इस परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर आप भागलपुर शहर आते हैं, तो संभल कर आएं। शहर में आबादी के अनुरूप सार्वजनिक शौचालय और मूत्रालयों की संख्या नहीं बढ़ी। भागलपुर शहर को स्वच्छ बनाने के लिए शौचालयों और मूत्रालयों का निर्माण कराया गया। कुछ शौचालयों का निर्माण हुआ, तो कुछ का निर्माण कार्य अब भी चल रहा है। जिन शौचालयों और मूत्रालय का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, उनकी स्थिति भी अत्यंत दयनीय है। पानी के निर्बाध आपूर्ति का इंतजाम नहीं किए जाने के कारण शौचालय उपयोग के लायक नहीं रह गए हैं। रख-रखाव और नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था करने में निगम प्रशासन पूरी तरह से फेल हो गया है।

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पुरुष तो सड़क किनारे खड़े हो कर मूत्रत्याग कर लेते हैं, लेकिन महिलाओं की परेशानी बढ़ जाती है। भागलपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा हासिल है। शहर को बेहतर स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिग दिलाने की कवायद में एक बार फिर निगम प्रशासन जुट गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण में सार्वजनिक शौचालय और मूत्रालय की साफ-सफाई का विशेष महत्व है। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि बिना सार्वजनिक शौचालय और मूत्रालयों की बेहतर साफ-सफाई का इंतजाम किए शहर को बेहतर रैकिग कैसे हासिल होगी, यह बड़ा सवाल है।

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दर्जनभर बनाए गए थे शौचालय

लगभग छह वर्ष पहले शहर के विभिन्न हिस्सों में एक दर्जन से अधिक शौचालय बनाए गए। प्रत्येक शौचालय के निर्माण पर लगभग नौ लाख रुपये खर्च किए गए। वहीं, 17 स्थानों पर दो मंजिला शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। एक दर्जन से अधिक शौचालय का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। शेष पर अब भी काम चल रहा है।

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शौचालयों की स्थिति है दयनीय

शहर के सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति बद से बदतर है। तिलकामांझी, इनारा चौक के समीप शौचालय के समीप दुकानें सजने लगी हैं। सदर अस्पताल और मारवाड़ी पाठशाला के समीप बने सामुदायिक शौचालय की स्थिति दयनीय बनी हुई है।

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कोट गुरुवार को शहर के सभी सार्वजनिक मूत्रालयों की साफ सफाई कराई गई। शौचालय की साफ-सफाई के लिए भी निर्देशित किया गया है।

- रविश वर्मा, सिटी मैनेजर, नगर निगम


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