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दूसरे के बदले देतीं रहीं परीक्षा, कॉलेज प्रशासन छात्राओं को बचाने में जुटी, जानिए...

कॉलेज की प्रतिष्ठा से खेलने वाली छात्राओं पर कार्रवाई करने की जगह कॉलेज प्रशासन मामले को दबा रहा है। छात्रावास में 22 दिसंबर को छात्राओं के बीच चल रहे ड्रामे के पीछे कारण यही है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 09:24 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 03:20 PM (IST)
दूसरे के बदले देतीं रहीं परीक्षा, कॉलेज प्रशासन छात्राओं को बचाने में जुटी, जानिए...
दूसरे के बदले देतीं रहीं परीक्षा, कॉलेज प्रशासन छात्राओं को बचाने में जुटी, जानिए...

भागलपुर (जेएनएन)। टीएनबी कॉलेज की छात्राएं एक-दूसरे के बदले परीक्षा देती रहीं हैं। इसकी जानकारी होने के बावजूद कॉलेज प्रशासन ने न तो छात्राओं को रोका और न कार्रवाई की। कॉलेज की प्रतिष्ठा से खेलने वाली छात्राओं पर कार्रवाई करने की जगह कॉलेज प्रशासन मामले को दबाने में लगा रहा। कॉलेज के महिला छात्रावास में 22 दिसंबर की देर शाम से छात्राओं के बीच चल रहे ड्रामे के पीछे का मूल कारण यही है।

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सबकुछ सेट कर लेने की तैयारी के दौरान 22 दिसंबर को महिला छात्रावास गए पूर्वी छात्रावास के अधीक्षक वीरेन्द्र मिश्र की छात्राओं से चल रही बात की ऑडियो क्लिप वायरल हुई है, जिसमें मिश्र छात्राओं से कह रहे हैं यह परसोनेशन का मामला है। इसका मतलब समझती हैं आप। इसका मतलब है किसी के बदले में गलत काम करना। यहां ये उसके बदले में एग्जाम दे रही है, वो उसके बदले में एग्जाम दे रही है। यह सब बहुत पहले से चल रहा है। हमलोगों को सब पता है।

इस दौरान छात्राएं कह रही हैं कि छात्रावास किसी एक की नहीं है। उन्हें भी बोलने का मौका मिलना चाहिए। फिर वीरेन्द्र मिश्र की आवाज आती है हमें पता है कि किससे पूछना है। जिससे पूछना था उससे पूछ लिए न, अब सेकंड प्रीफेक्ट से बात करेंगे। समझा रहे हैं कि अस्थिर से बात कीजिए आपलोग। हमको रिपोर्ट बनाने में देरी नहीं लगती है। तुरंत रिपोर्ट प्राचार्य को दे देंगे। उन्होंने एफआइआर की भी बात कही। इसी बीच एक और व्यक्ति की आवाज आती है जो वीरेन्द्र मिश्र से बहस कर रही एक छात्रा को पहले समझाता है, फिर तेज आवाज में डांटते हुए कह रहा है बहुत बोलने लगी हो, पार्ट थ्री की हो कि पार्ट टू की, आगे पढऩा है कि नहीं, एक लाइन में कॅरियर बर्बाद कर देंगे।

बता दें कि इस पूरे मामले के बाद 23 दिसंबर को प्राचार्य डॉ. संजय कुमार चौधरी कई बार महिला छात्रावास गए थे और छात्राओं के बीच के तनाव को दूर करने का प्रयास करते रहे। इसी बीच उन्होंने सभी को छात्रावास खाली करने का निर्देश जारी कर दिया। जब यह निर्देश जारी हुआ तब संबंधित पत्र पर उनका हस्ताक्षर भी नहीं था। छात्राओं के बीच तनाव या गुटबाजी के मूल में एक-दूसरे के बदले परीक्षा देने का मामला है, जिसे उलझाने के लिए पहले मोबाइल गुम होने और बाद में एक छात्रा को कमरे में बंद करने का ड्रामा किया गया।

टीएनबी कॉलेज के महिला छात्रावास में लड़कियां आमने-सामने
टीएनबी कॉलेज के महिला छात्रावास में रहने वाली पीजी और स्नातक पार्ट थ्री की छात्राओं के बीच जमकर गुटबाजी चल रही है। दोनों क्लास की छात्राएं आमने-सामने आ गई हैं। कॉलेज प्रशासन ने स्नातक पार्ट थ्री की परीक्षा दे चुकी छात्राओं को छात्रावास खाली करने को कहा है। छात्राओं को आदेश दिया गया है कि छात्रावास में वही छात्राएं रहेंगी, जिनकी प्रायोगिक परीक्षा होनी बाकी है। सैद्धांतिक पेपर की परीक्षा दे चुकी छात्रा छात्रावास खाली कर दें। मामला तूल नहीं पकड़े, इसलिए छात्रावास खाली करने के आदेश को क्रिसमस ब्रेक का नाम दिया जा रहा है। इस गुटबाजी के पीछे मोबाइल गुम होने, एक छात्रा को कमरे में बंद कर देने से लेकर बदले में परीक्षा देने-दिलाने को भी कारण बताया जा रहा है। कॉलेज प्रशासन पूरे मामले को दबाने के प्रयास में लगा है, लेकिन छात्राओं के बीच से जो चीजें बाहर आई हैं, उससे पता चलता है कि छात्रावास में सबकुछ ठीक नहीं है।


छात्रावास की एक छात्रा रविवार को मोबाइल फोन खोने की बात कहकर हंगामा करने लगी। उसने छात्रावास की ही कुछ छात्राओं पर फोन गायब करने का आरोप लगाया। लेकिन एक-डेढ़ घंटे बाद उसका फोन मिल गया। इसके बाद जिन छात्राओं पर फोन गुम करने का आरोप लगा था, वे कहने लगीं कि छात्रा ने खुद जानबूझकर फोन दूसरी जगह रखकर गायब होने की बात कहकर हंगामा किया था। बाद में एक गुट की छात्रा ने आरोप लगाया कि उसे कमरे में बंद कर दिया गया है। बाद में प्राचार्य खुद छात्रावास गए और छात्रा को बाहर निकाला।


इधर, दूसरे गुट की छात्राओं ने आरोप लगाया कि छात्रा ने अपने गुट की एक साथी से ही उसे बाहर से बंद कर देने को कहा था। इस बीच यह मामला भी सामने आया कि स्नातक पार्ट थ्री की एक छात्रा ने अपने बदले परीक्षा देने के लिए किसी को दो हजार रुपये दिए थे। परीक्षा केन्द्र एसएम कॉलेज था। पैसा देने और लेने या दिलाने वाली छात्राएं इसी छात्रावास की हैं। बात खुलने के बाद दोनों मामले को दूसरा रूप देने में लगी हैं।


कॉलेज प्रशासन इस बारे में खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है। प्राचार्य डॉ. चौधरी ने कहा कि बदले में परीक्षा देने के लिए किसी छात्रा ने किसी को पैसे दिए थे। लेकिन बात खुलेगी तो दूसरे कॉलेज की भी बदनामी होगी। फिलहाल क्रिसमस ब्रेक को लेकर छात्राओं को छात्रावास छोडऩे को कहा गया है। अब कॉलेज खुलने पर दो जनवरी के बाद तहकीकात की जाएगी। रविवार की देर रात पश्चिमी छात्रावास के अधीक्षक चंदन कुमार, पूर्वी छात्रावास के अधीक्षक वीरेन्द्र मिश्र और कर्मचारी निरंजन साह को प्राचार्य डॉ. संजय कुमार चौधरी ने महिला छात्रावास भेजा था, ताकि मामलों को शांत कराया जा सके। वीरेन्द्र मिश्र और कुछ छात्राओं के बीच जमकर बहस भी हुई।
 


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