टी-कल्टीवेशन और मखाना प्रोसेसिंग पर कार्य करेगा टीएमबीयू, बाढ़ पीड़ितों की स्थिति पर भी शोध
TMBU पीजी विभाग अध्यक्षों के साथ कुलपति ने की ऑनलाइन मीटिंग। अब बाढ़ पीड़ितों की स्थिति पर शोध करेगा टीएमबीयू। साथ ही टी-कल्टीवेशन और मखाना प्रोसेसिंग पर कार्य करने पर सहमति बनी। कुलपति ने और भी कई निर्देश जारी किए हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने मंगलवार को चार विभागों के अध्यक्ष के साथ ऑनलाइन मीटिंग की। जिसमें एग्रो इकोनामिक रिसर्च सेंटर बिहार एवं झारखंड, सेंटर फॉर रीजनल स्टडीज, लाइब्रेरी साइंस, पर्सियन और शिक्षा संकाय की स्थिति के बारे में संबंधित शिक्षकों से जानकारी ली। कृषि विभाग अध्यक्षों के साथ हो रही बैठक की अंतिम करी थी।
सेंटर फॉर रीजनल स्टडीज के निदेशक डॉ. चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि बाढ़ के दौरान टिल्हा कोठी और इसके आसपास के काफी संख्या में गांव वाले शरण लेते हैं। उनके सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर रिसर्च करने की योजना चल रही है। इस पर कुलपति ने उन्हें एक फॉर्मेट बनाकर बाढ़ पीड़ितों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य आदि का डाटा एकत्र करने को कहा। उन्होंने कहा कि पहले चरण में पांच गांवों का रूरल लीडरशिप सर्वे किया जाए, ताकि वहां के उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके।
एग्रो इकोनामिक रिसर्च सेंटर बिहार एंड झारखंड के निदेशक डॉ. मनीन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि कृषि मंत्रालय के करीब 50 रिसर्च प्रोजेक्ट पर सेंटर द्वारा काम किया जा चुका है। पांच प्रोजेक्ट कृषि मंत्रालय व नीति आयोग से स्वीकृत हुए थे। जिनमें से चार प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है। एक का काम अंतिम चरण में है, साथ ही जनवरी में तीन नए प्रोजेक्ट का प्रस्ताव कृषि मंत्रालय को भेजा गया है। इसमें टी-कल्टीवेशन, मखाना प्रोसेसिंग और ट्राइबल एग्रीकल्चर इन झारखंड शामिल है। जल्द ही कृषि मंत्रालय द्वारा इन प्रोजेक्टों को भी हरी झंडी मिल जाएगी।
लाइब्रेरी साइंस के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. इकबाल अहमद ने लाइब्रेरी विज्ञान की पढ़ाई और पीजी परिसियन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. हलीम अख्तर ने विभाग के बारे में जानकारी जानकारी दी। शिक्षा संकाय के डीन डॉ. राकेश कुमार ने बीएड की गतिविधियों के बारे में बताया। पीआरओ डॉ. दीपक कुमार दिनकर ने बताया कि कुलपति ने कुलसचिव से सभी पीजी विभागों समेत अन्य विभागों से प्रकाशित होने वाले रिसर्च जनरल की सूची मांगी है। ताकि इस पर आगे काम कराया जा सके।