टीएमबीयू : एफए से साढ़े छह लाख की होगी वसूली, मानदेय रोकने की तैयारी
टीएमबीयू के वित्तीय परामर्शी मधुसूदन से साढ़े छह लाख रुपये वसूली की तैयारी है। अप्रैल 2021 में टीएमबीयू में दिया था योगदान। मार्च से मई तक का जारी होना है वेतन। टीएमबीयू समेत ज्यादा भुगतान लेते रहे हैं और ले रहे हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के वित्तीय परामर्शी (टीएमबीयू) मधुसूदन से साढ़े छह लाख रुपये वसूली की तैयारी है। दरअसल मगध विश्वविद्यालय, बोधगया में एफए के पद पर रहते हुए उन पर राजभवन द्वारा तय से ज्यादा मानदेय लेने का आरोप है। राजभवन के संज्ञान में मामला आने बाद वहां से अधिक मानदेय वसूली को लेकर निर्देश जारी किया गया है। इससे संबंधित पत्र टीएमबीयू को भी दिया गया। अधिकारियों के संज्ञान में मामला रहने के बाद भी एफए ज्यादा मानदेय लेते रहे। अब इस मामले में टीएमबीयू प्रशासन ने सख्ती करते हुए मानदेय रोकने की तैयारी की है।
विश्वविद्यालय के एक पदाधिकारी ने कहा कि राजभवन के पत्र में 10000 हजार में मानदेय से संबंधित निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि कुलसचिव, एफए, एफओ और अन्य पदाधिकारियों को सेवानिवृत्ति के पश्चात नियोजित किए जाने के बाद उनका मानदेय तय कर दिया गया है। उक्त पत्र के हिसाब से ही उन अधिकारियों को मानदेय देना है। बावजूद टीएमबीयू समेत कई विश्वविद्यालय में अधिकारी ज्यादा भुगतान लेते रहे हैं और ले रहे हैं। इसको लेकर राजभवन को कई शिकायतें भी गई थीं।
10 माह से ले रहे ज्यादा मानदेय
एफए ने मार्च 2021 में टीएमबीयू में अपना योगदान दिया था। तब से लेकर अब तक उन्होंने मानक से ज्यादा मानदेय लिया है। इस यह मामला सीनेट और सिंडिकेट की बैठकों में भी उठा था, लेकिन इस दिशा में अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। अब मार्च से मई तक का वेतन जारी होना है, लेकिन राजभवन के निर्देशों की अवहेलना न हो इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्ती की है। सूत्रों के मुताबिक शनिवार को इसी मुद्दे पर कई बैठकें हुईं, जिसमें तय हुआ है कि एफए के मानदेय पर फैसला होने तक उनका मानदेय रोक अन्य कर्मियों का वेतन-पेंशन जारी कर दिया जाएं।
मुझे परेशान करने के उद्देश्य से पत्र जारी किए गए थे। मैं नियम के तहत ही हर माह का भुगतान लेता हूं। - मधुसूदन, एफए टीएमबीयू
इस मामले में वरीय अधिकारियों का जैसा निर्देश मिलेगा, उसी अनुरूप आगे की कार्रवाई होगी। - डा. निरंजन प्रसाद यादव, कुलसचिव, टीएमबीयू