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विजिलेंस के राडार पर टीएमबीयू, विधान परिषद में हंगामे के बाद आया पत्र

TMBU पुस्तक खरीद में विजिलेंस के राडार पर टीएमबीयू। पूर्व कुलपति के समय खरीदी गई थीं 63 लाख की किताब। कई विभागाध्यक्षों ने किया था खरीद का विरोध। 63 लाख से सेंट्रल लाइब्रेरी के लिए टेक्स्ट बुक और ई-बुक खरीदी गई हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 07:25 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 07:25 PM (IST)
विजिलेंस के राडार पर टीएमबीयू, विधान परिषद में हंगामे के बाद आया पत्र
विजिलेंस के राडार पर आ गया है टीएमबीयू।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। मगध विश्वविद्यालय, गया में स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने किताब खरीद में गड़बड़ी पकड़ी है। कुछ दिनों पूर्व एसवीयू ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) समेत अन्य विवि से भी पुस्तक खरीद की रिपोर्ट मांगी है।

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दरअसल, टीएमबीयू में 63 लाख से सेंट्रल लाइब्रेरी के लिए टेक्स्ट बुक और ई-बुक खरीदी गई हैं। इस खरीदारी पर टीएमबीयू के कुछ विभागाध्यक्षों आपत्ति की थी। बावजूद, किताबें खरीदी गईं। ऐसे में एसवीयू की जांच होने पर कई पूर्व और वर्तमान अधिकारियों की गर्दन फंसनी तय मानी जा रही है।

भुगतान की थी तैयारी : किताबों की खरीद पूर्व कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के समय हुई है। उन्होंने ही किताब खरीद का आदेश दिया था। यह आदेश तब दिया गया, जब विभागाध्यक्षों ने किताब खरीद का विरोध किया था। कुछ शिक्षकों ने इंटरनेट मीडिया पर भी अपना विरोध जताया था। किताबों की खरीद होने के बाद जब यह बात सामने आई तो विरोध करने वाले शिक्षक भी असमंजस में आ गए। उन्हें इस बात की भनक भी नहीं लगी और किताबों की खरीद हो गई। जिस एजेंसी से किताबों की खरीद हुई, उसे भुगतान करने के लिए पूरी तैयारी थी। किसी तकनीकी पेच के कारण भुगतान नहीं हो सका। इसी बीच कुलपति प्रो. गुप्ता का तबादला हो गया। अब सिंडिकेट की बैठक में विरोध के बाद एजेंसी का भुगतान रुक गया है।

मानक के अनुसार नहीं खरीदी गई हैं किताबें : सेंट्रल लाइब्रेरी में जो किताबें खरीदी गई हैं, उसे कुछ विभागाध्यक्षों ने मानक के अनुसार नहीं बताया है। उनका कहना है कि 63 में करीब 23 लाख की ई-बुक खरीदनी थी, लेकिन 23 लाख से कम की ई-बुक खरीदी गई है। 40 लाख से ज्यादा की टेक्स्ट बुक भी खरीदी गई। किताबों की खरीद टेंडर से नहीं बल्कि कोटेशन के आधार पर हुई है। पुस्तक खरीद में हुए विवाद के कारण ही अब तक विभागाध्यक्षों द्वारा सूची का मिलान नहीं किया गया है। इस कारण इन किताबों को अब तक सेंट्रल लाइब्रेरी के रिकार्ड में नहीं रखा गया है।

हंगामे के बाद आया पत्र : कुछ दिन पूर्व विधान परिषद के सत्र में टीएमबीयू के सिंडिकेट सदस्य सह एमएलसी डा. संजीव कुमार सिंह समेत 15 से ज्यादा सदस्यों ने इस मामले में विरोध दर्ज कराया था। उन लोगों ने किताब खरीद समेत अन्य मुद्दों पर हो रही गड़बड़ी के बारे में अध्यक्ष को बताया। इसके बाद मंत्री डा. अशोक चौधरी ने अलग से चर्चा करने की बात कही थी। इस मामले में विधान परिषद की कार्यवाही के बाद विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा गया है।

किताबों की खरीद मामले में जो रिपोर्ट मांगी गई है, उसे तैयार किया जा रहा है। समय से संबंधित एजेंसी को जवाब दिया जाएगा। - डा. निरंजन प्रसाद यादव, कुलसचिव, टीएमबीयू


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