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छात्रसंघ चुनाव : पांच पदों के लिए ही चाहिए प्रस्तावक और समर्थक, जानिए... किस दिन क्या करें

मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि नियम में थोड़ा बदलाव किया गया है। अब अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष पद के लिए ही प्रस्तावक और समर्थक की जरूरत होगी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 10:14 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 11:36 PM (IST)
छात्रसंघ चुनाव : पांच पदों के लिए ही चाहिए प्रस्तावक और समर्थक, जानिए... किस दिन क्या करें
छात्रसंघ चुनाव : पांच पदों के लिए ही चाहिए प्रस्तावक और समर्थक, जानिए... किस दिन क्या करें

भागलपुर [जेएनएन]। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए सिर्फ पांच पदों के लिए ही अब प्रस्तावक और समर्थक की आवश्यकता पड़ेगी। यह निर्णय गुरुवार को विद्यार्थी परिषद और छात्र राजद के नेताओं के साथ मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. योगेंद्र की हुई बैठक में लिया गया। बैठक में नियम के उलट निर्णय लिया गया कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष के चुनाव के लिए ही प्रस्तावक और समर्थक की आवश्यकता पड़ेगी। प्रस्ताव और समर्थक किसी पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे।

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कॉलेज और पीजी विभागों से चुनकर आए 47 काउंसलर के गणित में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय उलझ गया था। विद्यार्थी परिषद् और छात्र राजद के नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद विवि पैनल के गठन के लिए पद और काउंसलर के उलझे हुए गणित को सुलझा लिया है। केवल 47 काउंसलर रहने से पैनल में 16 अनिवार्य पदों के चुनाव को लेकर परेशानी आ रही थी। अगर हरेक पद के लिए एक प्रस्तावक और एक समर्थक के नियम का पालन किया जाता तो कम से कम 48 काउंसलर की जरूरत थी। अगर सभी 16 पदों पर विद्यार्थी परिषद और छात्र राजद उम्मीदवार देना चाहे तो इसके लिए और 48 काउंसिलर की जरूरत पड़ती। यानी दोनों मिलाकर कुल 96 काउंसिलर, जबकि कुल 47 ही काउंसलर हैं। ऐसे में विवि ने नियमों का शिथिल करते हुए रास्ता निकाल लिया है। अब बदले हुए प्रारूप पर शुक्रवार को कुलपति का आदेश लेकर इसे जारी कर दिया जाएगा। नए प्रारूप के तहत अब विद्यार्थी परिषद और छात्र राजद सभी पदों पर प्रत्याशी खड़ा कर सकेंगे।

मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. योगेन्द्र ने बताया कि नियम में थोड़ा बदलाव किया गया है। अब अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष पद के लिए ही प्रस्तावक और समर्थक की जरूरत होगी। यानी इन पांच पदों के लिए दोनों संगठन अपने-अपने प्रत्याशी खड़े करेंगे तो इसके लिए दोनों को हरेक पद के लिए एक प्रस्ताव और एक समर्थक की जरूरत होगी। इन पदों पद खड़े होने वाले उम्मीदवार और इनके प्रस्तावक कार्यकारिणी के 11 पदों का चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन समर्थकों को कार्यकारिणी का चुनाव लडऩे की छूट रहेगी। साथ ही यह छूट दी जा रही है कि कार्यकारिणी के पद की उम्मीदवारी के लिए न प्रस्तावक की जरूरत होगी और न समर्थक की।

मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. योगेन्द्र ने कहा कि प्रारूप तय कर लिया गया है। नियम में बदलाव नहीं होता तो चुनाव नहीं हो पाता। दोनों संगठनों की सहमति से प्रारूप तय किया गया है। कुलपति का आदेश लेकर इसे जारी कर दिया जाएगा। प्रत्याशियों से भी हस्ताक्षर कराया जाएगा ताकि बाद में कोई विवाद नहीं हो।

विवि छात्रसंघ पैनल चुनाव के लिए कार्यक्रम जारी

-वोटर लिस्ट का प्रकाशन : एक फरवरी

-उम्मीदवारों का नामांकन : दो फरवरी सुबह 10 से शाम चार बजे तक

-आवेदन की जांच : दो फरवरी शाम पांच से छह बजे तक

-नाम वापसी : तीन फरवरी सुबह 10 से शाम तीन बजे तक

-नामांकन के विरोध आपत्ति : तीन फरवरी शाम तीन से पांच बजे तक

-चुनाव शिकायत कोषांग की बैठक : चार फरवरी को सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक, उम्मीदवारों का फाइनल सूची जारी

-मतदान : सात फरवरी को दस से चार बजे तक

-मतगणना : आठ फरवरी को सुबह 10 बजे से


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