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TMBU: पीजी हिंदी की असिस्टेंट प्रोफेसर शुभम श्री का इस्तीफा, वजह जानकर हैरान हो जाएंगे आप

TMBU पीजी हिंदी की असिस्टेंट प्रोफेसर शुभम श्री ने दिया इस्तीफा। 26 मार्च को सहयोगी डॉ. दिव्यानंद देव के साथ हुई थी मारपीट। हेड को व्यक्तिगत कारण बता इस्तीफा सौंपा है। इस्तीफे के बाद हड़कंप मच गया है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 10:00 AM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 10:00 AM (IST)
TMBU: पीजी हिंदी की असिस्टेंट प्रोफेसर शुभम श्री का इस्तीफा, वजह जानकर हैरान हो जाएंगे आप
TMBU: पीजी हिंदी की असिस्टेंट प्रोफेसर शुभम श्री ने दिया इस्तीफा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) का पीजी हिंदी विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है। 26 मार्च को विभाग के शिक्षक डॉ. दिव्यांनद देव के साथ छात्र नेताओं द्वारा मारपीट मामले को लेकर विवि का माहौल गर्म था। अब शनिवार को विभाग में डॉ. दिव्यानंद की सहयोगी असिस्टेंट प्रोफेसर शुभम श्री ने अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रो. योगेंद्र को लिखित रूप में अपना इस्तीफा सौंपा है। जिसमें उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से ऐसा निर्णय लेने की बात कही है। उनका पैतृक घर खगडिय़ा है। किंतु वे लोग परिवार के साथ देवघर में रहती हैं।

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इस्तीफे के बाद हड़कंप मच गया है। सभी इसे डॉ. दिव्यानंद देव के साथ मारपीट प्रकरण से जोड़कर देख रहे हैं। बता दें कि मारपीट मामले में विश्वविद्यालय ने कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के निर्देश पर जांच कमेटी बनाई। किंतु मामले में छात्र नेताओं पर कार्रवाई नहीं हुई। इस लेकर लगातार नव नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर विश्वविद्यालय अधिकारियों से कार्रवाई की मांग करते रहे। किंतु मामले में कुछ नहीं हुआ। इस मामले को लेकर कई छात्र नेताओं पर विश्वविद्यालय चौकी में केस भी दर्ज हुआ था।

हालांकि इस मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया। किंतु उनसे संपर्क नहीं हो पाया। उनके बारे में बताया कि वो ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) से लीयन पर असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में आई थी। इस कारण वे वापस ओएनजीसी लौट गई हैं। उन्होंने टीएमबीयू के पीजी हिंदी में 13 फरवरी 2020 को योगदान दिया था। वे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा थी। डॉ. दिव्यांनद देव भी ओएनजीसी से ही असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में आए थे।

विभागाध्यक्ष ने इस्तीफे की बात को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि शुभम काफी मेहनती असिस्टेंट प्रोफेसर थे। वे कक्षाओं में छात्रों से काफी बेहतर तरीके से समन्वयक कर उन्हें पढ़ाती थी। उनके इस्तीफे पर कहा है कि एक बेहतर शिक्षक का अनुभव छात्रों को नहीं मिल पाएगा।


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