TMBU: पीजी में नामांकन के लिए 5000 छात्रों ने किया है आवेदन, अब नहीं खुलेगा पोर्टल
TMBU टीएमबीयू में पीजी में दाखिले के लिए 5000 छात्रों ने आवेदन किया है। पीजी में नामांकन को लेकर नामांकन समिति की बैठक हुई। अब आवेदन के लिए नामांकन पोर्टल नहीं खोला जाएगा। पुरानी जो भी तिथियां मेधा सूची समेत अन्य कार्यों के लिए निकाली गई थी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में पीजी में दाखिले के लिए 5000 छात्रों ने आवेदन किया है। पीजी में नामांकन को लेकर बुधवार को नामांकन समिति की बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि अब आवेदन के लिए नामांकन पोर्टल नहीं खोला जाएगा। अंतिम तिथि तक 5000 छात्रों के आवेदन प्राप्त कर लिए गए हैं। इस बीच दो दिनों के लिए पोर्टल केवल आवेदन फॉर्म में त्रुटि सुधार के लिए खोला जाएगा। जल्द ही इसकी तिथि जारी की जाएगी। पुरानी जो भी तिथियां मेधा सूची समेत अन्य कार्यों के लिए निकाली गई थी। उसमें भी बदलाव किया गया है। इसकी भी तिथि बाद में जारी की जाएगी।
हटाए गए टीएमबीयू के वित्त पदाधिकारी, एफए को मिला चार्ज
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के वित्त पदाधिकारी शंकर शरण अम्बष्ट को कार्यकाल पूरा होने से पहले ही राजभवन ने हटा दिया है। टीएमबीयू प्रशासन के अनुरोध को मानते हुए उनका कार्य एफए मधुसूदन को सौंपा गया है। इस संबंध में राज्यपाल के संयुक्त सचिव राजकुमार सिन्हा ने बुधवार को पत्र जारी किया है। उन्होंने कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को पत्र लिख इस बात की जानकारी दी है कि उन लोगों द्वारा 15 मई को दिए गए अनुरोध को मान लिया गया है, साथ ही अस्थायी व्यवस्था के तहत वित्त पदाधिकारी के सारे कार्यों को वर्तमान एफए देखेंगे। वे अपने पद के अलावा वित्त पदाधिकारी के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे।वित्त पदाधिकारी पर कार्रवाई के लिए लिखा था पत्रकुलपति ने 15 मई को वित्त पदाधिकारी पर कार्रवाई को लेकर राजभवन को अनुरोध पत्र लिखा था उनका कार्यकाल 28 मई को खत्म होने वाला था। एफओ अपने अंतिम वेतन प्रपत्र नहीं देने को लेकर विवादों के घेरे में थे। इस वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनका मानदेय भी बंद कर दिया था।
इसके बाद उनपर लगातार फाइलों को अलग-अलग कारणों से लटका कर रखने का आरोप लग रहा था। कई बार सेवानिवृत्त कर्मियों के अलावा कर्मचारियों और संवेदकों ने भी फाइलों को अटकाने का आरोप लगाया था।हाल ही में सरकार से दो महीने के वेतन की राशि विश्वविद्यालय को मिली थी। उनके स्तर से अलग-अलग कारणों से वेतन जारी करने वाली फाइल को लौटा दिया था। उन पर आरोप लगा कि उनका मानदेय बंद है, इस वजह से उन्होंने ऐसा किया। हालांकि विश्वविद्यालय के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। तत्कालीन प्रभारी कुलपति डॉ. संजय कुमार चौधरी के कार्यकाल में भी सीनेट की बैठक के दौरान वित्त पदाधिकारी और तत्कालीन एफए पर बेवजह कार्यों में अड़ंगा डालने का आरोप लगाते हुए कई सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था।
20 दिन पूर्व जारी हुआ था, वेतन अब तक नहीं हुआ भुगतान
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) को शिक्षा विभाग ने 20 दिन पहले ही वेतन मद में राशि जारी कर दी थी। पेंशन धारियों को भी पेंशन जारी किया गया था। जरूरी प्रक्रियाओं के बाद पेंशन, पेंशन धारियों के खाते में चली गई है, लेकिन तकनीकी बाधा के कारण अब तक वेतन की राशि कर्मियों और शिक्षकों के खाते में नहीं जा सकी है। विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा था कि बुधवार को वेतन खाते में चला जाएगा, किंतु अब तक ऐसा नहीं हुआ है। इस वजह से शिक्षक कर्मियों में आक्रोश की स्थिति है।