साल भर बाद बुझेगी किसानों की प्यास, 37 कृषि फीडरों में 20 का काम अधूरा, जानें... कहां हो चुका हैं पूरा
दीनदयाल उपाध्याय विद्युत योजना के तहत 37 कृषि फीडर बनाए जाने हैं। इनमें दीनदयालपुर सजौर नगरह सजौर खरीक व इस्माइलपुर के 17 कृषि फीडर का काम पूरा हो चुका है।
भागलपुर, जेएनएन। बिजली से सिंचाई की सुविधा के लिए जिले के कई इलाकों के किसानों को एक साल और इंतजार करना पड़ेगा। ऐसा इसलिए कि वर्ष 2021 से पहले कृषि फीडर का काम पूरा नहीं हो सकेगा।
दीनदयाल उपाध्याय विद्युत योजना के तहत जिले में 37 कृषि फीडर बनाए जाने हैं। इनमें दीनदयालपुर, सजौर, नगरह, सजौर, खरीक व इस्माइलपुर के विद्युत उपकेंद्र से 17 कृषि फीडर का काम पूरा हो चुका है। उपकेंद्रों से अलग कृषि फीडर बनाने में 88 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
वहीं, दस उपकेंद्रों व 20 कृषि फीडर बनाने का काम अबतक पूरा नहीं हो सका है। 222 करोड़ की लागत से घोघा, विक्रमशिला, धुआवै, बाराहाट, गोविंदपुर, कुरपट, तरछा, धनौरा, विशनरामपुर व लालपुर में बन रहे उपकेंद्रों में से एक उपकेंद्र से दो-दो कृषि फीडर बनेंगे। सितंबर 2021 तक काम पूरा करने की योजना है।
नहीं लगेगा फिक्सड चार्ज, प्रति यूनिट 75 पैसे करना होगा भुगतान
विभागीय अधिकारियों के अनुसार सिंचाई बिजली कनेक्शन लेने वाले किसानों को अब फिक्सड चार्ज नहीं देना होगा। किसानों को 75 पैसे की दर से प्रति यूनिट भुगतान करना होगा। बिजली कनेक्शन चार्ज भी अभी नहीं लगेगा। किसानों को सिर्फ तार, स्वीच बोर्ड, मीटर बोर्ड देना होगा। शेष विद्युत सामग्री विभाग देगा। इसको लेकर किसानों के बीच जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि डीजल से खेती की सिंचाई करने में खर्च अधिक होता है, लेकिन बिजली से खेतों की सिंचाई करने पर दस फीसद ही खर्च आएगा। जिन क्षेत्रों में कृषि फीडरों का काम पूरा हो चुका है, वहां प्रखंड कार्यालय में शिविर लगाकर किसानों को सिंचाई के लिए कनेक्शन देने को कहा गया है। किसान ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।
दस उपकेंद्र और 20 कृषि फीडरों के बनाने का काम जून 2019 में शुरू किया गया था। लॉकडाउन में चार माह कार्य बाधित रहा। सिंतबर 2021 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। -श्रीराम सिंह, अधीक्षण अभियंता, एसबीपीडीसीएल, भागलपुर आपूर्ति क्षेत्र।