भारतीय रेल : 22 सितंबर तक स्पेशल में जगह नहीं, स्लीपर और एसी-थ्री में वेटिंग भी नहीं
भागलपुर के हजारों परिवार बेंगलुरु दिल्ली कोलकाता रांची मुंबई और अन्य शहरों में रोजगार करते हैं। 23 मार्च से लॉकडाउन शुरू होने के बाद ट्रेन परिचालन बंद है।
भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर के रास्ते दिल्ली के लिए चल रही स्पेशल ट्रेन में जगह नहीं है। किसी क्लास में टिकट नहीं है। 22 सितंबर तक सीट खाली नहीं होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में भागलपुर के यात्रियों को दिल्ली और दूसरे प्रदेश जाने के लिए सोचना पड़ रहा है। यहा के लोग भागलपुर से स्पेशल ट्रेन चलने की बाट जोह रहे हैं। चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव रोहित झुनझुनवाला और ईस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव आलोक अग्रवाल ने रेलवे को मंडल मुख्यालय को स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए पत्र लिखा है। दरअसल, भागलपुर के हजारों परिवार बेंगलुरु, दिल्ली, कोलकाता, रांची, मुंबई और अन्य शहरों में रोजगार करते हैं। 23 मार्च से लॉकडाउन शुरू होने के बाद ट्रेन परिचालन बंद है। जब रेलवे ने एक जून से देश के कई महानगरों से स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की तो सभी खुश हुए, लेकिन सूची में भागलपुर से एक भी ट्रेन नहीं मिलने से मायूस हो गए। शुरुआती दौर में ब्रह्मापुत्र मेल में सीटें मिलीं तो यात्रियों को सहूलियत हुई। अब वहां भी जगह नहीं है। मोहद्दीनगर निवासी राकेश रंजन केसरी ट्रेन परिचालन बंद होने से आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। शहर के आलोक गुप्ता भी तीन महीनों से परिवार के साथ दिल्ली में फंसे हैं। स्पेशल ट्रेन में जगह नहीं है।
स्पेशल से हर दिन 115-120 कर रहे सफर
ब्रह्मपुत्र मेल स्पेशल समय से पहले ही जंक्शन पहुंच रही है। पटना, यूपी और दिल्ली जाने वाले यात्रियों को स्पेशल का सफर खूब भा रहा है। औसतन भागलपुर से 115 से 120 यात्री हर दिन सफर कर रहे हैं। सोमवार को भी 120 यात्री जंवशन पर सवार हुए। 115 यात्रियों ने स्लीपर और एसी कोच में आरक्षण कराया था और पाच पैसेंजर साधारण कोच से गए। वेटिंग वाले पैसेंजर को सफर करने की अनुमति नहीं मिली।
कंफर्म टिकट रहने के बाद ही पैसेंजर प्लेटफॉर्म पर पहुंचे। स्क्रीनिंग करने के बाद वेटिंग हॉल में यात्री गए। ट्रेन आगमन की सूचना पर यात्री एक नंबर पर बने घेरे में कतारबद्ध हुए। आरपीएफ, जीआरपी ने यात्रियों को कोच में प्रवेश कराया। आरपीएफ इंस्पेक्टर एके सिंह और जीआरपी प्रभारी स्टेशन पर जवानों को निर्देश देते दिखे। सीआइटी आरएन पासवान टीटीई के साथ डटे थे। यात्री खानपान का सामान खुद लेकर पहुंचे थे।