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पुराने स्‍वरूप में लौटेगी कोसी की तिलाबे नदी, मुख्‍यमंत्री की पहल के बाद मापी और सर्वेक्षण का काम शुरू

त‍िलाबे नदी जल्‍द पुराने स्‍वरूप में लौटेगी। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है। सीएम नीतीश कुमार की पहल के बाद मापी और सर्वेक्षण का काम शुरू करने के लिए डीएम ने निर्देश दिया है। साथ ही इसके लिए...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 01:30 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 01:30 PM (IST)
पुराने स्‍वरूप में लौटेगी कोसी की तिलाबे नदी, मुख्‍यमंत्री की पहल के बाद मापी और सर्वेक्षण का काम शुरू
त‍िलाबे नदी जल्‍द पुराने स्‍वरूप में लौटेगी। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है।

सहरसा [कुंदन कुमार]। सुपौल में कोसी की उपधारा से निकलकर फिर खगडिय़ा में कोसी की उपधारा में ही मिल जाने वाली तिलावे नदी 84 किलोमीटर लंबी है। यह 31 किमी सुपौल और 53 किमी सहरसा जिले में बहती है। खगडिय़ा जिले की सीमा में घुसने के साथ ही यह फिर कोसी की उपधारा में मिल जाती है। दो दिन पूर्व मुख्यसमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्र ंसिंग के दौरान इस नदी का जीवन लौटाने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। अतिक्रमण और गाद के कारण नदी सिमट-सी गई है।

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सहरसा के जिलाधिकारी के प्रयास से जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग समेत कई विभागों की टीम इस नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास में जुटी है। अतिक्रमण और गाद हटाकर नदी का जीवन लौटाया जाएगा। इसके लिए डीपीआर बनाया जा रहा है। डीएम ने अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में अंचलाधिकारियोंको नदी की मापी व सर्वेक्षण का निर्देश दिया है। सिंचाई और पशुओं के लिए उपयोगी होने के साथ ही यह नदी शहर की जलनिकासी में भी सहायक साबित होगी।

जिलाधिकारी आनंद शर्मा के आग्रह पर तीन माह पूर्व बिहार ग्रामीण विकास सोसाइटी (बीआरडीएस) व आइसीआरजी की टीम ने स्थलीय लघु संसाधन, जल संसाधन, वुडको व मनरेगा के अधिकारियों के साथ नदी का मुआयना किया था। टीम ने रेखांकित किया कि भारी मात्रा में गाद भरने के कारण नदी का मार्ग अवरुद्ध है। कई जगहों पर यह नदी अतिक्रमण की भी शिकार है। राज्यस्तरीय टीम ने सुपौल जिले के अधिकारियों से भी इसपर चर्चा की।

टीम ने गाद की सफाई के साथ नदी किनारे बांध निर्माण, गाइड वाल डाइक, चेकडेम का निर्माण व नदी के दोनों किनारों पर पौधारोपण का सुझाव प्रशासन को दिया गया। इन सुझावों पर विभिन्न विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर एक योजना तैयार करेंगे। आने वाले समय में शहर की नालियों का पानी भी संप हाउस के जरिये शुद्ध कर इस नदी में डालने की योजना है, ताकि जलनिकासी की बेहतर व्यवस्था हो सके।

तिलावे नदी के मापी व सर्वेक्षण समेत अन्य कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रयास तेज कर दिया गया है। सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। जल्द ही नदी की धारा उन्मुक्त हो जाएगी। - विनय कुमार मंडल, अपर समाहर्ता, सहरसा 


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