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पुलिस ने ही रची थी अपहरण की झूठी कहानी, मामला हुआ उगाजर तो‍... Bhagalpur News

एसएसपी ने कहा कि पुलिस अधिकारी पर वरीय अधिकारियों से सही बात छिपाकर रखने गंभीर मामले में मैनेज कराने ड्यूटी में लापरवाही के आरोप लगे हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 01:00 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 01:00 PM (IST)
पुलिस ने ही रची थी अपहरण की झूठी कहानी, मामला हुआ उगाजर तो‍... Bhagalpur News
पुलिस ने ही रची थी अपहरण की झूठी कहानी, मामला हुआ उगाजर तो‍... Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। बरारी के श्रीराम अपार्टमेंट में जमुई के युवक अभिमन्यु के अपहरण मामले की झूठी कहानी गढऩे में शामिल दो दारोगा व एक एएसआइ को एसएसपी आशीष भारती ने निलंबित कर दिया है। एसएसपी ने प्रभारी इंचार्ज बबलू कुमार, दारोगा शिव शंकर दुबे और एएसआई दिलीप सिंह को निलंबित किया है। एसएसपी ने कहा कि उनका निलंबन वरीय अधिकारियों से सही बात छिपाकर रखने, गंभीर मामले में मैनेज कराने, ड्यूटी में लापरवाही के आरोप लगे हैं। एएसआइ दिलीप सिंह थाना मैनेजर (मुंशी) के प्रभार में हैं। चूंकि बबलू कुमार चौकी इंचार्ज के चार्ज में थे। इस कारण उन पर भी गाज गिरी है।

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सिटी एसपी की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई

एसएसपी ने सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है। इस मामले को लेकर डीआइजी विकास वैभव ने भी सिटी एसपी को जांच का जिम्मा सौंपा था। इस मामले में अपह्रृत को हथकड़ी लगाने और आरोपित को हथकड़ी नहीं लगाने को लेकर कार्रवाई शामिल है। एसएसपी ने कार्रवाई की रिपोर्ट डीआइजी विकास वैभव को भी भेज दी है। डीआइजी ने कुछ बिंदुओं पर एसएसपी को जांच का निर्देश दिया था।

रची गई अपहरण की कहानी, मैनेज कराने में जुटी थी पुलिस

छोटी खंजरपुर के श्रीराम अपार्टमेंट में सोमवार को पुलिस पर हुई फायङ्क्षरग मामले की जांच में चौंकने वाली जानकारियां सामने आई है। पूरे मामले में जोगसर पुलिस के कुछ पदाधिकारियों व कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस को 13 अक्टूबर को ही जानकारी मिल गई थी कि अभिमन्यु को फ्लैट नंबर 403 में बंधक बनाकर रखा गया है। इस बात की जानकारी होने पर पुलिस शाम को आरोपित शशि किरण के साथ फ्लैट पहुंची थी। वहां पुलिस ने अभिमन्यु और आरोपित पक्ष के बीच लेनदेन की पंचायती भी कराई। जो पूरे मामलों में जोगसर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रही है।

वरीय अधिकारियों से छिपाई गई सच्चाई

इस मामले में जोगसर के कुछ पदाधिकारियों ने वरीय अफसरों को भी इस सच्चाई से दूर रखा। पुलिस पर फायरिंग के बाद मामला बिगड़ गया। यदि बदमाशों द्वारा फायरिंग नहीं हुई होती तो पूरे मामले से पर्दा नहीं हटता। पुलिस और आरोपितों की सारी गतिविधि अपार्टमेंट समेत सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। बड़ी बात है कि आरोपित और पीडि़त द्वारा भी बताया गया कि पुलिस पहले भी फ्लैट आई थी। इस बात को 403 फ्लैट के केयर टेकर सोनू कुमार ने भी बताया। सोनू के मुताबिक 13 अक्टूबर को करीब 15 मिनट तक पुलिस ने दोनों पक्षों में सुलह का प्रयास किया था।

एसएसपी ने कहा जांच कर होगी कार्रवाई

मामले को लेकर एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि इस तरह की यदि बात है तो पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। यदि जांच में कोई दोषी पाया जाता है, तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी। इस प्रकरण को डीआइजी विकास के निर्देश पर सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज ने मंगलवार की शाम अपार्टमेंट पहुंचकर जांच की। इसमें कई चौंकने वाली जानकारियां मिली है। वे डीआइजी व एसएसपी को रिपोर्ट सौंपेंगे।

डीआइजी विकास वैभव ने कहा कि यह गंभीर मामला है। सिटी एसपी को पूरे मामले के जांच की जिम्मेदारी दी गई है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में एसएसपी को भी कई बिंदुओं पर जांच के लिए कहा गया है।

पुलिस ने अपहृत को लगा दी हथकड़ी, चौकी पर ठाठ से बैठै थे आरोपित

पुलिस अक्सर अपने कारनामों को लेकर चर्चा में रहती है। ताजा मामला जोगसर पुलिस चौकी से जुड़ा हुआ है। जहां पुलिस ने जमुई के अपहृत अभिमन्यु को बरारी के छोटी खंजरपुर स्थित अपार्टमेंट से बदमाशों के चंगुल से सोमवार की को छुड़ाया। लेकिन पुलिस ने बदमाशों के हाथ में हथकड़ी न लगा अपहृत के हाथ में हथकड़ी लगा दी। उसे रात भर हथकड़ी पहनाकर नीचे बैठाए रखा। जबकि उसे बंधक बनाने वाले आरोपित चौकी पर बगैर हथकड़ी ठाठ से बैठे थे। मामला संज्ञान में आने के बाद एसएसपी आशीष भारती ने पूरे मामले में जांच का आदेश दिया है। सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज इसकी जांच के लिए जोगसर पहुंचे थे।

वाहन इंश्योरेंस और प्रदूषण जांच के लाइसेंस के लिए अभिमन्यु ने लिए थे रुपये

जोगसर में अपहरण मामले के आरोपितों ने बताया कि उन लोगों से अभिमन्यु ने वाहन इंश्योरेंस और प्रदूषण जांच केंद्र का लाइसेंस के लिए रुपये लिया था। आरोपितों के मुताबिक अभिमन्यु के पास उमेश का 54 हजार चार सौ रुपये, शशि का 2.75 लाख रुपये, निलेश का 50 हजार, डिक्शन मोड़ रोड के अभय का 44 हजार, और इशाकचक के अनूप कुमार को एक लाख बांकी था। लेकिन अभिमन्यु का कहना है कि उसका उमेश के पास 54 हजार, अनूप के पास 40 हजार और शशि के पास 60 हजार रुपये बांकी था। इसके अलावा सारे रुपये उसने चुकता कर दिया था। उमेश सुल्तानगंज में उमेश पेट्रोल पंप पर मैनेजर है।

गार्ड ने पुलिस को बरगलाया

अपार्टमेंट में तैनात गार्ड सोनू ने सोमवार को पुलिस को अपनी बातों से बरगला दिया। उसने सिटी डीएसपी राजवंश सिंह को मामले में किसी तरह की जानकारी नहीं होने की बात बताई। लेकिन उसके संज्ञान में सारा मामला था। पुलिस के साथ वह भी दो बार फ्लैट नंबर 403 में पुलिस के साथ सुलह के लिए गया था। वह जोगसर के दारोगा एसएस दुबे के साथ भी 13 अक्टूबर की शाम को फ्लैट में पंचायती के लिए गया था।


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