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बिहार के इस आदमी ने 57 वर्षों से नहीं चखा है नमक, जानिए

बिहार के बांका जिले के निवासी अनिरूद्ध यादव ने पिछले 57 वर्षों से नमक का स्वाद नहीं चखा है। नमक की कमी को वे हरी सब्जियां द्वारा पूरी करते हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 02:12 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 10:27 PM (IST)
बिहार के इस आदमी ने 57 वर्षों से नहीं चखा है नमक, जानिए
बिहार के इस आदमी ने 57 वर्षों से नहीं चखा है नमक, जानिए

बांका [रवि वर्मा]। बांका के बलारपुर निवासी अनिरुद्ध यादव (72) ने पिछले 57 वर्षों से नमक का स्वाद नहीं चखा है। अब उन्हें नमक से विरक्ति सी हो गई है। एक हकीम की सलाह पर उन्होंने ऐसा किया था। 

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अनिरुद्ध यादव ने बताया कि 15 साल की उम्र के बाद से उन्होंने आज तक नमक का स्वाद नहीं चखा है। अनिरुद्ध के बाएं पैर में फाइलेरिया के लक्षण दिखने लगे थे। 1959 में वे बाराहाट प्रखंड क्षेत्र के खिरीपघार गांव में एक हकीम के पास इसका उपचार कराने गए थे।

हकीम ने उन्हें हरी सब्जियों या नमक से परहेज करने को कहा। पेशे से किसान होने के कारण अनिरुद्ध ने सब्जियों के बजाय नमक का ही त्याग कर दिया। अनिरुद्ध बताते हैं कि नमक के त्याग के बाद उन्हें इस बीमारी से छुटकारा मिल गया। उनकी पत्नी वसंती देवी ने बताया कि अनिरुद्ध के लिए बिना नमक के दाल या सब्जी बनाई जाती है। 

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नमक का सेवन नहीं करने वाले के शरीर में अन्य खाद्य पद्धार्थों के जरिये लवण की आपूर्ति हो जाती है। हरी साग-सब्जी, दूध व फल में सोडियम व पोटैशियम की मात्रा मौजूद रहती है। यह मानव शरीर में लवण की मात्रा संतुलित रखने के लिए पर्याप्त है। शरीर में नमक की मात्रा का फाइलेरिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

- डॉ नरेंद्र आजाद

फाइलेरिया प्रतिरक्षण पदाधिकारी, बांका

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