इस बार दशहरा से पहले धान से भर जाएंगे किसानों के घर, इतना फीसद ज्यादा उत्पादन का अनुमान
कृषि विभाग के मुताबिक लक्ष्य से 10 फीसद अधिक होगा उत्पादन समय पर बारिश और मजदूरों की उपलब्धता से समय से पहले तैयार हो रही फसल
बांका [राहुल कुमार]। अंग प्रदेश में खरीफ धान की तैयारी पर नवान्न त्योहार मनाया जाता है। अगहन महीने में नवान्न के अग्निकुंड में नया धान देने के बाद ही किसान इसका दाना मुंह में देते थे। लेकिन कोरोना काल के बदलाव में अबकी दशहरा से पहले ही किसानों के घर धान की फसल पहुंचने लगेगी। जिला के कई इलाकों में धान की लहलहाती फसल में बाली निकल रही है। कई खेतों में बाली अब झुकने भी लगी है। ऐसे में अक्टूबर के पहले सप्ताह से कई खेतों में धान पकने लगेगा और दूसरे सप्ताह से धनकटनी शुरु हो जाएगी। पहली बार दशहरा से पहले किसानों के घर धान पहुंचने से किसान खुद हैरान हैं। इसकी वजह अबकी समय पर बारिश और लॉकडाउन में लौटे कामगारों की वजह से समय पर रोपनी पूरा होना बताया जा रहा है। इसका असर जिला के धान उत्पादन पर भी पडऩे की उम्मीद है। यह निर्धारित लक्ष्य 4.3 लाख एमटी से बढ़कर पांच लाख एमटी तक पहुंच सकता है।
दुधारी बहियार में हवा संग शोर मचा रही बाली
बांका से बेलहर वाली सड़क किनारे दुधारी और पोखरिया इलाके में पिछले साल सूखा के कारण रोपनी नहीं हो सकी थी। अबकी समय से पहले रोपनी के बाद अधिकांश खेतों में बाली निकल गई है। कई खेत में धान की बाली झुकने लगी है। तेज हवा के साथ धान की बाली शोर भी मचाने लगी है। कटोरिया, चांदन, बांका के कई बहियार में धान की बाली शोर मचाने लगी है। किसान विपिन ङ्क्षसह, परमानंद राम, बत्तीस राम आदि ने बताया कि दशहरा के पहले कभी किसानों के घर धान नहीं आया था। इस इलाके में सामान्य तौर पर दीपावली और छठ पूजा के बाद धनकटनी होती थी। निश्चित रूप से समय से पहले और अधिक उपज की उम्मीद लिए बैठे किसानों के लिए अबकी दशहरा दोहरी खुशी लेकर आएगा।
शुरुआती बारिश के कारण जिला में अधिकांश किसानों ने जून में ही खेतों में धान का बीज डाल लिया। फिर समय पर इसकी रोपनी हो गई। अधिकांश धान 110 से 130 दिन में तैयार होने वाली वेरायटी है। धान को त्योहारों ने उसकी वेरायटी से मतलब नहीं है। जून में लगा सभी धान हर हाल में अक्टूबर में पक कर तैयार हो जाएगा।
मुनेश्वर प्रसाद, कृषि विज्ञानी सह समन्वयक, कृषि विज्ञान केंद्र
बांका में धान की रोपनी विलंब से होती रही है। अबकी पानी और मजदूर की समस्या नहीं रहने से पहले हो गई। निश्चित रूप से इस कारण जिला का उत्पादन 10 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।
विष्णुदेव कुमार रंजन, जिला कृषि पदाधिकारी