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यह दंपती शिक्षित व स्वस्थ समाज का जगा रहा अलख

इंद्रदेव और उनकी धर्मपत्नी पंचायत शिक्षिका सुधा कुमारी आज लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत बने हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 01:38 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 01:38 PM (IST)
यह दंपती शिक्षित व स्वस्थ समाज का जगा रहा अलख
यह दंपती शिक्षित व स्वस्थ समाज का जगा रहा अलख

खगड़िया। जिले के सतीश नगर गांव निवासी इंद्रदेव कुमार भूषण फिलहाल सिकंदराबाद(तेलांगना) में कार्यरत हैं।

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वर्ष 1998 में सेना में जवान के रूप में भर्ती इंद्रदेव कुमार भूषण आज नायब सूबेदार है। इंद्रदेव ने अपनी क्षमता और दक्षता से एक-एक सीढ़ी चढ़ा है। इंद्रदेव और उनकी धर्मपत्नी पंचायत शिक्षिका सुधा कुमारी आज लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत बने हुए हैं।

इंद्रदेव सेना में भर्ती होने को करते हैं प्रेरित, देते हैं योग की शिक्षा

इंद्रदेव जब अवकाश में गांव आते हैं, तो युवाओं को सेना से जुड़ने की प्रेरणा देते हैं। वे सेना में भर्ती को ले दौड़-कूद के दांव-पेंच समेत मेडिकल के गूढ़ रहस्य को भी समझाते हैं। बकौल इंद्रदेव- मेडिकल में सर्दी-खांसी में भी जवान छंट जाते हैं। इस बात को सेना की तैयारी करने वाले युवक नहीं समझते हैं। आज इनकी प्रेरणा से सतीशनगर और आसपास के आधे दर्जन जवान सेना में हैं। इंद्रदेव की दिलचस्पी योग में भी है। उनकी मुलाकात वर्ष 2004 में बाबा रामदेव से हुई और उसके बाद योग से गहरे जुड़ गए। वे गांव के युवाओं को योग सिखाते हैं। कहते हैं- निरोग रहना है, तो योग जरूरी है। सुधा दिखा रही है स्व<स्हृद्द-क्तञ्जस्>छता की राह

इंद्रदेव की शादी वर्ष 2004 में हुई। उनकी धर्मपत्नी सुधा कुमारी पंचायत शिक्षिका है। सुधा को पठन-पाठन समेत स्व<स्हृद्द-क्तञ्जस्>छता का जुनून है। वे प्राथमिक विद्यालय बड़ी पैकांत पूर्वी में कार्यरत हैं। सतीशनगर से वे प्रतिदिन दस किलोमीटर का सफर तय कर विद्यालय पहुंचती हैं। सुधा न ब<स्हृद्द-क्तञ्जस्>चों को सिर्फ पढ़ना-लिखना सिखाती है, बल्कि उसे स्व<स्हृद्द-क्तञ्जस्>छता के महत्व से भी अवगत कराती है। वे अभिभावकों को भी इस ओर अग्रसर करती है। सुधा कहती हैं- स्व<स्हृद्द-क्तञ्जस्>छ माहौल में ही बेहतर पठन-पाठन संभव है।

आज इस दंपती के कार्य और प्रयास के ग्रामवासी प्रशंसा करते-करते थकते नहीं हैं। सतीश नगर निवासी परबत्ता थाना मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री प्रभुदयाल सहनी कहते हैं- इंद्रदेव और सुधा के कार्य उल्लेखनीय हैं। इंद्रदेव जब भी अवकाश में गांव आते हैं- युवाओं को योग-व्यायाम और सेना में भर्ती होने को लेकर प्रेरित करते रहते हैं।


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