इस वर्ष तीन उपछाया ग्रहण और दो ग्रहण लगेंगे, आज भी बना है कुछ ऐसा संयोग, जानिए
वर्ष 2020 में दो पूर्ण सूर्यग्रहण लग रहा है। इसके अलावा तीन उपछाया ग्रहण लग रहे हैं। जानिए ग्रहण और उपछाया ग्रहण में क्या अंतर है।
भागलपुर [दिलीप कुमार शुक्ला]। वर्ष 2020 में तीन उपछाया ग्रहण और दो ग्रहण लगेंगे। 5 जून को भी उपछाया ग्रहण लग रहा है। इस संबंध में सेवाकुंज समाज सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पौराणिक कथा व्यास आनंदमूर्ति आलोक जी महाराज ने बताया कि ग्रहण और उपछाया ग्रहण में काफी अंतर है। आलोक जी महाराज भागलपुर जिले के गोवरांय निवासी हैं।
उन्होंने कहा कई बार पूर्णिमा को चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करता है। उपछाया के कारण चंद्रमा का विंब केवल धुंधला पड़ता है, काला नहीं। इसे सामान्य तौर पर देखा नहीं जाता। इस कारण उपछाया ग्रहण कहा जाता है। धर्माचार्यों के अनुसार चंद्र विंब पर अल्प छाया आने के कारण इन्हें ग्रहण की कोटि में नहीं गया है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के इस वर्ष लगने वाले तीनों उपछाया ग्रहण को ग्रहण की संज्ञा नहीं दी है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुजन ग्रहण संबंधी पथ्य-अपथ्य का विचार ना करते हुए पूर्णिमा का व्रत, स्नान, दानादि कर सकते हैं। उपछाया ग्रहण के दिन किसी भी कार्य को किया जा सकता है, इस दिन निषेध नहीं माना गया। यह सुतक का मान्य नहीं है।
इस वर्ष इस प्रकार के तीन उपछाया ग्रहण होंगे
1. 5 जून 2020 (शुक्रवार)
2. 5 जुलाई 2020 (रविवार)
3. 30 नवम्बर 2020 (शुक्रवार)
वर्ष 2020 में दो सूर्यग्रहण लग रहे हैं
1. 21 जून 2020 (रविवार)
2. 14 दिसम्बर 2020 (सोमवार)
21 जून को लगने वाला कंकणाकृति खंडग्रास सूर्य ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। ग्रहण का सुतक वराणसी के सूर्योदय के अनुसार 20 जून प्रात: 10:30 बजे से लग जायेगा। इस दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ग्रहण का स्पर्श प्रातः काल 10:30 बजे, मध्य दोपहर के 12:17 और मोक्ष दोपहर 02:04 बजे में होगा। इस ग्रहण के सुतक में स्नान, व्रत, जप, यम, नियम का विचार करना अनिवार्य है। सुतक काल में भोजनादि निषेध है। इस दौरान भगवत भजन, प्रार्थना और धर्मग्रंथों का पाठ करना चाहिए। शांति बनाकर रखनी चाहिए। कोई भी शुभ कार्य इस दौरान नहीं करें। वहीं, 14 दिसंबर को लगने वाला सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।