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जैन मंदिर मार्ग को जलजमाव से मिलेगी मुक्ति, 2.20 करोड़ रुपये से होगा निर्माण

यहां एक सप्ताह बाद 2.20 करोड़ की लागत से सड़क व नाला का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसको लेकर नगर निगम प्रशासन को छठी बार निविदा कर पाने में सफलता मिल गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 07:15 PM (IST)
जैन मंदिर मार्ग को जलजमाव से मिलेगी मुक्ति, 2.20 करोड़ रुपये से होगा निर्माण
जैन मंदिर मार्ग को जलजमाव से मिलेगी मुक्ति, 2.20 करोड़ रुपये से होगा निर्माण

भागलपुर, जेएनएन। नाथनगर में जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य के मंदिर मार्ग को पांच वर्षो की लंबी प्रतिक्षा के बाद अब जलजमाव से मुक्ति मिलेगी। यहां एक सप्ताह बाद 2.20 करोड़ की लागत से सड़क व नाला का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसको लेकर नगर निगम प्रशासन को छठी बार निविदा कर पाने में सफलता मिल गई है। नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शनी द्वारा संवेदक को वर्क आर्डर मिला शेष रह गया है। मेयर सीमा साहा ने स्वतंत्रता दिवस पर एक सप्ताह में निर्माण कार्य शुरू करवाने की घोषणा कर दी है।

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नाथनगर चौक से मंदिर तक बनेगी सड़क

जैन मंदिर से नाथनगर चौक तक नाला व सड़क का निर्माण किया जाएगा। नाला के किनारे पेभर ब्लॉक भी बिछाने की योजना है। वहीं स्वास्थ्य केंद्र के सामने वाली गली से नाले का निकास एनएच-80 के मुख्य नाले से मिलाया जाएगा।

जलजमाव से परेशान हैं लोग

नाले का निकास नाथनगर ग्रामीण क्षेत्र में बाधित होने से जैन मंदिर मार्ग में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हुई। इससे जैन मंदिर व आसपास के कॉलोनी की चार गलियों में नारकीय स्थिति बनी हुई है। गलियों में एक फीट तक पानी जमा होने से 400 की आबादी प्रभावित हुए है।   लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल  है। गंदे पानी के सड़ांध से लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।

पर्यटकों पर भी पड़ा असर

जैन मंदिर में भगवान वासुपूज्य के दर्शन के लिए प्रत्येक वर्ष 60 हजार से अधिक देश-विदेश के पर्यटक दर्शन के लिए पहुंचते थे। गंदगी की वजह से पांच वर्षों में धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में कमी हुई, जो पांच हजार में सिमट गई।

निविदा में यूं फंसा पेंच

तीन बार निविदा में कोई नहीं आया। चौथी बार निविदा न्यायालय में चला गया। न्यायालय द्वारा फैसला देने के बाद नगर विकास विभाग ने पहल की है। पटना में तकनीकी समिति द्वारा 19 दिसंबर को बैठक की। जिसमें पहले की निविदा को रद कर दिया और दोबारा नए सिरे से निविदा करने का निर्देश दिया गया। बुडको के मुख्य अभियंता ने 27 दिसंबर को स्वीकृति दी। प्राक्कलन पर मुख्य अभियंता से स्वीकृति के बाद जनवरी के दूसरे सप्ताह में निविदा जारी की गई थी।


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