Smart City भागलपुर में 'अमृत' बेसअसर! लोगों को जल नहीं, सड़कें पूरी तरह मग्न
भागलपुर में पेयजल आपूर्ति के साथ-साथ ड्रेनेज की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं है। हर रोज शहर के कई इलाकों से लोगों को इस समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है। स्मार्ट शहर की रेस में दौड़ रहे भागलपुर में योजनाओं की रफ्तार धीमी दिखाई दे रही है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर: केंद्र सरकार की दो महत्वाकांक्षी योजनाओं स्मार्ट सिटी और अटल नवीनीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत मिशन) की सौगात भागलपुर को मिली। लेकिन गर्मी और बरसात आते ही इन योजनाओं की जमीनी हकीकत सामने आ जाती है। जब बारिश के बाद सड़कों में जलजमाव की स्थिति रहती है, तो वहीं लोगों को पेयजल की आपूर्ति तक नहीं हो पाती।
बात करें भागलपुर के बरारी वाटर वर्क्स की तो यहां जलशोधन कार्य के लिए जलभंडारण की समस्या बनी हुई है। इससे तिलकामांझी, पटल बाबू रोड़, आदमपुर आदि क्षेत्र में पर्याप्त जलापूर्ति सही से नहीं हो रही है।
पटल बाबू मार्ग के सुमित कुमार ने बताया कि पिछले दो दिनों से घंटाघर व मानिक सरकार के जल मीनार में पानी नहीं भरा गया। पेयजल को लेकर शहरवासी निगम के जलकल शाखा के अधिकारियों से परेशानी की जानकारी लेने का प्रयास किया। लेकिन, ठोस जवाब नहीं मिला। निगम को पेयजल आपूर्ति के व्यवधान से संबंधित सूचना सार्वजनिक करना चाहिए था। ताकि लोग पानी का भंडारण कर पाते। घंटाघर के आसपास के मेाहल्ले में सुबह आपूर्ति नहीं हुई।
यह है परेशानी की मूल वजह
गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से वेट और ड्राई इंटेकवेल को पर्याप्त पानी मिल रहा है। इंटेकवेल में चार फीट तक गंगा का पानी पहुंच गया। निगम के जलकल सहायक अधीक्षक कृष्णा प्रसाद के अनुसार इंटेकवेल के निचले हिस्से से तीन मोटर पंपों को धरातल से सात फीट उपर करना पड़ा। मोटर पंप खोलने की वजह से तालाब में जल भंडारण की समस्या हुई। मोटर पंप हटाने के बाद पेयजल की कोई समस्या नहीं होगी। वाटर वर्क्स को पुरानी व्यवस्था भी काम करने लगा है। अब पेयजल की कोई समस्या नहीं होगी। मंगलवार से पर्याप्त पानी मिलेगा। तालाब में जलभंडारण किया जा रहा है। सोमवार को भी दोपहर बाद कुछ हिस्से में आपूर्ति की गई।
नाला निर्माण पर लाखों खर्च, जल निकासी का अता-पता नहीं
अमृत मिशन के तहत शहरों में नाला निर्माण, पार्क निर्माण आदि का कार्य तेजी के साथ किया जाना है लेकिन भागलपुर में इसकी रफ्तार मंद पड़ी हुई है। शहरी क्षेत्र में सड़क किनारे फुटपाथ और ड्रेनेज की व्यवस्था पर लाखों रुपये खर्च कर दिए गए। लेकिन जल निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं की गई। लिहाजा, बारिश होने पर सड़कों पर जलजमाव हो जाता है।
बहरहाल, पथ निर्माण विभाग द्वारा नाला का निर्माण तो करा दिया गया, पर नालों की उड़ाही के लिए कहीं भी स्लैब नहीं छोड़ा गया। यह हाल कचहरी चौक से घूरन पीर बाबा चौक एवं डीएम आवास से जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल तक का है। बरारी मुख्य मार्ग में भीदोनों ओर में नाला का निर्माण हुआ। लेकिन नाला को मुख्य नाला से जोड़ा नहीं गया। सड़क से ऊपर नाला निर्माण होने से बारिश का पानी सड़कों पर बहता रहता है।
जलजमाव होने पर जेसीबी से तोडऩा पड़ा स्थायी निर्माण
मुख्य मार्ग में पथ निर्माण विभाग ने पुराने नाले पर ही स्लैब बना दिया। जबकि जलनिकासी के लिए कुछ फीट की दूरी पर ढक्कन दिया जाना था। कहीं ढक्कन दिया भी तो काफी दूरी पर है।
इससे जल निकासी बाधित है। नाला जाम होने पर जलजमाव की स्थिति बन गई है। साहेबगंज मोहल्ले में कुछ दिन पहले जलजमाव की स्थिति हुई तो जेसीबी से स्थायी निर्माण को तोड़ा गया। साहेबगंज से विश्वविद्यालय के बीच जैसे-तैसे नाला का निर्माण किया गया है। विश्वविद्यालय की चाहरदीवारी के सामने नाले पर स्थायी तौर पर स्लैब बना दिया गया है। पार्षद अभिषेक कुमार ने कहा कि इससे जल निकासी की समस्या बनी हुई है। नालों की उड़ाही तक नहीं हो पाती है।